घर में वास्तु से जुड़े कई दोष ऐसे होते हैं, जो महिलाओं की आर्थिक उन्नति को बाधित करते हैं। इन दोषों को कैसे करें दूर, बता रहे हैं वास्तु शास्त्री नरेश सिंगल
घर का दक्षिण-पूर्व कोण, जिसे वास्तु में आग्नेय कोण कहा जाता है, घर की समृद्धि और ऐश्वर्य का कोण है। इस दिशा को शुक्र और अग्नि की दिशा भी कहा जाता है। आग्नेय कोण रसोईघर के लिए सर्वोत्तम होता है। आप प्रश्न कर सकते हैं कि रसोई का घर की समृद्धि और ऐश्वर्य से क्या संबंध? हमारे खानपान का सीधा संबंध हमारे स्वास्थ्य से है और स्वास्थ्य का समृद्धि से।
घर का दक्षिण-पूर्व हिस्सा गोलाकार, कटा हुआ या बढ़ा हुआ नहीं होना चाहिए। चूंकि यह अग्नि का स्थान है, इसलिए यहां पानी का स्रोत जैसे नल, वॉटर फिल्टर्, वॉशिंग एरिया नहीं होना चाहिए।
इस दिशा में गलत रंगों का चयन भी इसे दोषपूर्ण बना देता है। उत्तर दिशा में वाटर एलिमेंट आदि नहीं होने चाहिए।
दक्षिण-पूर्व कोण में शीशा नहीं रखें। दक्षिण-पूर्व में टॉयलेट नहीं होना चाहिए। ऐसा होने से पति और पत्नी के संबंध बिगड़ सकते हैं। घर के पुरुष सदस्य की महिलाओं से अनबन रह सकती है।