वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के रास्ते में पड़ने वाली मस्जिद को रंगवाने का विवाद अभी शांत ही हुआ था कि नया मामला सामने आ गया है। वाराणसी विकास प्राधिकरण ने शहर में एकरूपता दिखाने के इरादे से अब कांग्रेस के कार्यालय को रंगवा दिया गया है। कांग्रेस ने बिना इजाजत ऐसा करने पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराते हुए प्रशासन को 36 घण्टे का अल्टीमेटम दिया है। गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार की रात बुलानाला पर स्थित मस्जिद को भी रंग दिया गया था। हालांकि विवाद बढ़ने पर मस्जिद को फिर से सफेद कर दिया गया।
यूपी कांग्रेस के उपाध्यक्ष अशोक कुमार सिंह ने प्राधिकरण को चिट्ठी लिखकर बिना इजाजत ऐसा किए जाने पर सख्त एतराज जताया है और दफ्तर को दोबारा पहले वाले रंग में रंगवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि वाराणसी के मैदागिन चौराहे के बगल में कांग्रेस दफ्तर को गुलाबी रंग में रंगने से पहले प्रशासन ने पार्टी नेताओं से कोई इजाजत नहीं ली। बिना सहमति के स्थानीय पार्टी कार्यालय को रंगवा दिया गया जो सरासर गैरकानूनी कदम है। पार्टी इस पर चुप नहीं बैठेगी। वाराणसी विकास प्राधिकरण को 36 घंटे में पार्टी कार्यालय को पूर्ववत करने का अल्टीमेटम देते हुए उन्होंने कहा कि यह जरूरी भी है और न्याय संगत भी।
चिट्टी में उन्होंने चेतावनी दी कि प्रशासन ने तत्काल ऐसा नहीं किया तो पार्टी कानूनी कार्यवाही करेगी। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 12 और 13 दिसंबर के आगमन को देखते हुए वाराणसी विकास प्राधिकरण शहर में एक रूपता दिखाने के लिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की ओर जाने वाले रास्ते के भवनों को गुलाबी रंग से रंगवा रहा है।
मस्जिद को रंगवाने पर दो दिन पहले ही हुआ था विवाद
दो दिन पहले ही बुलानाला स्थित एक मस्जिद को भी गुलाबी रंग में रंग दिया गया था। हालांकि मुस्लिम सम्प्रदाय की आपत्ति के बाद प्रशासन ने उसे फिर से सफेद रंग में रंगवाया। वाराणसी में बन रहे पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर तक जाने के लिए गंगा के अलावा सड़क मार्ग से दो रास्ते जाते हैं। एक रास्ता गोदौलिया से मंदिर आता है और दूसरा मैदागिन से मंदिर तक आता है। दोनों रास्तों पर पड़ने वाले सभी मकानों को एक रंग में रंगने का प्रशासन ने फैसला लिया है। इसके बाद सभी मकानों को गुलाबी रंग में रंगा जाने लगा। रास्ते में ही मैदागिन पर कांग्रेस का कार्यालय है। इसको भी रंग दिया गया है।