शनिवार को केंद्र सरकार ने उन्हें प्रतिनियुक्ति की समय सीमा पूरी होने से पहले ही प्रदेश की सेवा के लिए कार्यमुक्त कर दिया। चौधरी, मुख्य सचिव राजीव कुमार के ही बैच के हैं और वरिष्ठता में उनके बाद ही नंबर आता है।
ऐसे में यह सूचना फैलते ही अफसरशाही में चौधरी की भूमिका को लेकर अटकलबाजी शुरू हो गई। नए समीकरण बनने-बिगड़ने की आशंका में अफसरों के फोन घनघनाने लगे। हालांकि चौधरी के आने से अफसरशाही में किसी बड़े बदलाव की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है।
सूत्रों का कहना है कि वरिष्ठता की वजह से चौधरी को कृषि उत्पादन आयुक्त या अन्य कोई समकक्ष पद दिया जा सकता है। कृषि उत्पादन आयुक्त राजप्रताप सिंह 1983 बैच के आईएएस हैं और कृषि उत्पादन आयुक्त के अलावा बेसिक शिक्षा व भूतत्व खनिकर्म जैसे अहम महकमे उनके पास हैं।
इसके अलावा रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डवलपमेंट एक्ट केअंतर्गत गठित हो रहे प्राधिकरण (रेरा) के लिए भी उनका नाम चल रहा है। इतने महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए भी सिंह ने रेरा के लिए आवेदन किया है।
वर्तमान में रेरा के गठन की कार्यवाही भी अंतिम चरण में बताई जा रही है। ऐसे में यदि आने वाले दिनों में सिंह का चयन रेरा के लिए हो जाता है तो एपीसी की जिम्मेदारी चौधरी को मिल सकती है। अन्यथा अन्य किसी पद पर समायोजन होने की संभावना है।