2014 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) को आजमगढ़ सीट मिली थी और इस बार भी यह सीट सपा को मिली है. सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के रमाकांत यादव को 277102 वोटों से मात दी थी. इस बार मुलायम के यहां से लड़ने का ऐलान करने के बाद पूर्व मंत्री बलराम यादव, पूर्व मंत्री दुर्गा प्रसाद यादव, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और हवलदार यादव भी उम्मीदवारी पेश कर रहे हैं. एक राय न बन पाने के कारण सीट को बरकरार रखने के लिए पूर्व सीएम अखिलेश यादव की पत्नी और कन्नौज से सांसद डिंपल यादव के चुनाव लड़ने की संभावनाएं जताई जा रही हैं.
लोकसभा चुनाव 2019 का बिगुल बजते ही सपा-बसपा गठबंधन ने अपनी सियासी बिसात बिछाना शुरू कर दिया है. सपा-बसपा गठबंधन की सीटें निर्धारित होने के बाद वाराणसी, आजमगढ़ और मिर्जापुर मंडल की 12 लोकसभा सीटों के प्रत्याशियों पर सबकी निगाहें जमी हुई हैं.
चंदौली लोकसभा सीट से भाजपा के डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय 414135 वोट पाकर विजयी हुए थे, वहीं बसपा के अनिल मौर्या को 257379 वोट प्राप्त हुए थे. अनिल मौर्या अब भाजपा में शामिल हो गए हैं. अब ये सीट सपा के खाते में आ गई है. हालांकि, सपा के रामकिशन यादव 204145 मतों के साथ पिछली बार तीसरे स्थान पर रहे थे. अब रामकिशन यादव के अलावा पूर्व विधायक मनोज सिंह यहां से टिकट की मांग कर रहे हैं. यही नहीं, मिर्जापुर में सपा उम्मीदवार के तौर पर सुरेंद्र पटेल 108859 वोट की जमानत जब्त होने के बाद भी सपा यहां से फिर चुनाव लड़ेगी. 2014 में अपना दल की अनुप्रिया पटेल 436536 वोट के मुकाबले बसपा की समुद्रा देवी 217457 मतों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं थी.
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