कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई व गैंग के अन्य सदस्यों के जाली पासपोर्ट बनवाकर विदेश भेजने के मामले की सुनवाई मंगलवार को मोहाली जिला अदालत में हुई। मामले में अब तक चालान पेश नहीं होने पर जांच अधिकारी (आईओ) ने अदालत से 20 दिन की मोहलत मांगी। अदालत ने तर्क सुनने के बाद मोहलत दे दी। अब मामले की अगली सुनवाई 19 नवंबर को होगी।
सुनवाई के दाैरान गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई, गैंगस्टर जगदीप सिंह उर्फ जग्गू भगवानपुरिया, बूटा खां और दीपक टीनू को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (वीसी) के जरिए अदालत में पेश किया गया। पिछली सुनवाई पर गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया, बूटा खां और दीपक टीनू को जेल अधिकारियों ने अदालत में पेश नहीं किया था। इस पर अदालत ने तीनों के प्रोडक्शन वारंट जारी कर पांच नवंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उन्हें पेश करने के निर्देश दिए थे।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान एसआई अमनदीप सिंह ने अदालत में पेश होकर कहा किया वह केस के जांच अधिकारी हैं। केस का चालान संबंधित अधिकारी से मंजूरी के लिए लंबित है और इसे 20 दिन में पेश कर दिया जाएगा। तब तक के लिए उन्हें अदालत मोहलत दे।
क्या है मामला
पंजाब स्टेट क्राइम पुलिस ने 20 जून 2022 को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई समेत 10 लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 384, 465, 466, 468, 471, 120बी व पासपोर्ट एक्ट 12 व 25 के तहत मामला दर्ज किया था। लॉरेंस के अलावा इस मामले में गैंगस्टर कर्मवीर सिंह उर्फ कर्णवीर सिंह, सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी, सतवीर वडिंग उर्फ सैम, अनमोल बिश्नोई, सचिन थापन, राजवीर सिंह उर्फ रवि राजगढ़, यादविंदर सिंह उर्फ चांदी, बलदेव चौधरी उर्फ बल्लू उर्फ काकू, गुरिंदरपाल सिंह उर्फ गोरा व अज्ञात शामिल थे।
इन पर आरोप था कि अलग-अलग मामलों में जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने यूएसए में बैठे अपने साथी कर्मवीर सिंह उर्फ कर्णवीर सिंह, कनाडा बैठे सतविंदर सिंह उर्फ गोल्डी व सतवीर वडिंग उर्फ सैम की मदद से अपने भाई अनमोल बिश्नोई को जाली पासपोर्ट पर विदेश भगा दिया। यही नहीं, उसने अपने गैंग में शामिल अन्य साथियों व रिश्तेदारों के पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान के अवैध ट्रैवल एजेंटों से जाली पासपोर्ट बनवाए। इसके लिए उन्हें मोटी रकम दी। लॉरेंस ने अपने भाई अनमोल बिश्नोई व रिश्तेदार सचिन थापर के जाली नाम व एड्रेस पर उनकी असल फोटो वाले पासपोर्ट बनाकर उन्हें संगीन अपराधों में गिरफ्तारी से बचाने के लिए उन्हें अवैध तरीके से विदेश भेजा था और इन लोगों ने उसकी मदद की थी।
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