लू में झुलसी फसलें, 30 प्रतिशत तक नुकसान, कल से मौसम में बदलाव

हरियाणा में कल से मौसम में बदलाव आएगा। 22 से प्री मानसून की गतिविधियां शुरू होने के आसार है। अभी तक भीषण गर्मी से राहत नहीं मिल पा रही है। सोमवार को जींद जिला सबसे गर्म रहा। 

पिछले 30 दिन से लगातार 43 से 48 डिग्री के बीच दर्ज किए गए तापमान के कारण कपास, मूंग, ग्वार की फसलें झुलस गई हैं। इस कारण फसलों को 30 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। ऐसे में अगर मानसून में एक सप्ताह की देरी हुई तो यह नुकसान 50 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। धूल भरी आंधी के कारण सब्जियों का उत्पादन घटा है, जिस कारण दाम बढ़ते जा रहे हैं।

कृषि उपनिदेशक डॉ. राजबीर सिंह ने कहा कि नुकसान का सही आंकड़ा फील्ड के अधिकारियों की रिपोर्ट से ही मिलेगा। लगातार लू चलने तथा तापमान सामान्य से अधिक बने रहने के कारण नुकसान हुआ है। अगेती फसलों में नुकसान सबसे अधिक है। उन्होंने बताया कि इस बार गर्मी के लंबे दौर से मूंग की फसल पर सबसे अधिक नुकसान हुआ।

करीब 40 प्रतिशत तक मूंग नष्ट हो चुकी है। कपास में 30 प्रतिशत तक का नुकसान हो चुका है। अगेती ग्वार की फसल 25 से 35 प्रतिशत तक झुलस कर सूख चुकी है। प्रदेश में करीब 10 लाख हेक्टेयर में कपास की बिजाई हुई है। हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, भिवानी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, रोहतक जिले में कपास को सबसे अधिक नुकसान है।

पिछले एक महीने में अधिकतम तापमान 48 डिग्री तक दर्ज किया गया है। तापमान लगातार अधिक बने रहने के चलते फसलों पर असर हुआ। अगर बीच में एक बार भी बारिश होती तो काफी बचाव रहता। 19 से मौसम में बदलाव आएगा। 22 से प्री मानसून की गतिविधियां शुरू होने के आसार हैं। – डॉ. एमएल खीचड़, विभाग अध्यक्ष, मौसम विभाग, एचएयू

रात का तापमान 34.5 पहुंचा, 19 से बदलेगा मौसम
सोमवार को जींद जिला सबसे गर्म रहा, यहां का अधिकतम तापमान 46.9 डिग्री दर्ज किया गया। 11 जिलों में तापमान 46 डिग्री से अधिक रहा, जो सामान्य से 7 डिग्री तक अधिक है। अब रात को भी सुकून नहीं मिल पा रहा। दादरी में रात का तापमान 34.5 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। पश्चिम विक्षोभ के चलते 19 जून से मौसम में बदलाव दिखेगा।

मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ 19 जून को उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों पर सक्रिय होने से एक चक्रवातीय सर्कुलेशन दक्षिणी पंजाब के आसपास बनेगा। इसके चलते 19-21 जून के दौरान संपूर्ण इलाके पर आंशिक बादलवाही का असर दिखेगा। हरियाणा के उत्तरी जिलों पर सबसे ज्यादा असर देखने को मिलेगा। धीरे-धीरे शेष हरियाणा पर भी प्रभाव आएगा।

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