लुधियाना ग्रामीण के एसएसपी के खिलाफ पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट का बड़ा एक्शन लिया है। एसएसपी डॉ. अंकुर गुप्ता पर 20 हजार का जुर्माना और अदालत में पेश होने का आदेश दिया है।
पंजाब व हरियाणा हाईकोर्ट ने कड़ी कार्रवाई करते हुए जिला लुधियाना ग्रामीण पुलिस प्रमुख एसएसपी डॉ. अंकुर गुप्ता पर 20 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। इतना ही नहीं एसएसपी को 18 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने का आदेश भी दिया है। हाई कोर्ट ने यह कार्रवाई एक व्यक्ति की शिकायत पर की है।
हाईकोर्ट ने पीड़ित सुखदेव सिंह उर्फ हैप्पी पुत्र मलकीयत सिंह निवासी मंडी मुल्लांपुर के मामले में पुलिस अधिकारियों की ड्यूटी में कोताही और लापरवाही बरतने पर एसएसपी डॉ. अंकुर गुप्ता के खिलाफ कार्रवाई की है। सुखदेव सिंह ने कहा कि पुलिस की लापरवाही ने मुझे 9 साल रुलाया, अब उम्मीद है कि मुझे न्याय मिलेगा।
पीड़ित सुखदेव सिंह ने बताया कि 2016 में निजी कंपनी माउंटकूल बेवरेज लिमिटेड ने उनके साथ 4.60 लाख की धोखाधड़ी की थी। शिकायत करने पर कंपनी मालिकों ने अपनी पहुंच का इस्तेमाल करते हुए उन्हें ही झूठे केस में फंसाने की साजिश रच डाली, लेकिन जांच के दौरान उनके खिलाफ शिकायत फर्जी साबित हुई। बावजूद जिला ग्रामीण पुलिस ने उन्हें इंसाफ नहीं दिलाया। इंसाफ के लिए उन्होंने अनुसूचित जाति आयोग का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद 2020 में थाना सिधवां बेट में मुकदमा दर्ज हुआ। मुकदमा दर्ज होने के 5 साल बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। हारकर उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली।
हाइकोर्ट की माननीय न्यायधीश अलका सरीन ने मामले की सुनवाई करते हुए जिला लुधियाना ग्रामीण के तत्कालीन एसएसपी नवनीत सिंह बैंस, डीएसपी जसजोत सिंह, डीएसपी गुरदीप सिंह गोसल और इंस्पेक्टर जसवीर सिंह की लापरवाही को गंभीर माना। मौजूदा एसएसपी डॉ अंकुर गुप्ता ने भी मामले में कार्रवाई को आगे बढ़ाया। इसके हाईकोर्ट ने अब एसएसपी डॉ. अंकुर गुप्ता को अपनी पगार में से 20 हजार रुपये जुर्माना भरने और निजी तौर पर पेश होने का आदेश दिया है।