
बिना शादी के साथ रहने वाले बालिग जोड़े को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला आया है। जस्टिस सुरेंद्र सिंह की सिंगल बेंच ने लिव-इन के मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि बालिग जोड़े को साथ रहने की है स्वतंत्रता। इसमें किसी को हस्तक्षेप करने का अधिकार कोई नहीं है। बालिग जोड़ किस के साथ रहता है वह उसकी इच्छा पर निर्भर करता है। इसमे माता-पिता के पास भी हस्ताक्षेप का अधिकार नहीं है।
एक मामले के सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि भले ही लिव-इन में रहने वाला जोड़े अलग जाति या धर्म के हों। उनको कोई परेशान नहीं कर सकता। यदि कोई परेशान करता है तो पुलिस उन्हें संरक्षण दे। साथ ही पुलिस को आदेश देते हुए कोर्ट ने कहा कि अर्जी आने पर पुलिस कमिश्नर संरक्षण प्रदान करें। सुनवाई के दौरान जस्टिस सुरेंद्र सिंह की सिंगल बेंच ने यह भी कहा कि ‘हस्तक्षेप करने पर अनुच्छेद 19 और 21 का उल्लंघन होगा।
न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह ने गौतमबुद्धनगर की रजिया व अन्य की याचिका निस्तारित करते हुए यह फैसला सुनाया। याचिकाकर्ता ने कहा था कि वह दोनों बालिग हैं और अपनी इच्छा से लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं. परिवार वाले इस से नाखुश हैं। इसलिए उनकी हत्या भी की जा सकती है. जोड़े ने पुलिस से संरक्षण मांगा था। जब वहां कोई सुनवाई नहीं हुई तो याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय की शरण ल। जिसके बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal