देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को आज देश याद कर रहा है। आज ही के दिन वर्ष 1966 उज्बेकिस्तान के ताशकंद में उनका निधन हो गया था। उनकी पुण्यतिथि पर देश के दिग्गजों ने उन्हें नमन किया है। लाल बहादुर शास्त्री ने ‘जय जवान जय किसान’ का नारा देने से लेकर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया था। उनके ही नेतृत्व में भारत ने वर्ष 1965 की जंग में पाकिस्तान को शिकस्त दी थी। उनकी मौत की कहानी अभी तक रहस्य में है।

शास्त्री के मौत पर इसलिए है संदेह
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शास्त्री की मौत पर संदेह इसलिए भी किया जाता है, क्योंकि उनका पोस्टमार्टम भी नहीं किया गया था। उस वक्त उनकी पत्नी ललिता शास्त्री ने दावा किया था कि उनके पति को जहर देकर मारा गया। वहीं उनके बेटे सुनील का भी मानना था कि उनके पिता की बॉडी पर नीले निशान थे।
पाकिस्तान को करारी हार देने के बाद वह वहां के राष्ट्रपति अयूब खान के साथ युद्ध खत्म करने के समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए ताशंकद गए थे और वहीं उनकी मौत हो गई। बताया जाता है कि उनकी मौत दिल के दौरा पड़ने से हुई थी वहीं कई रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि उनकी मौत को प्लान किया गया था। ऐसे में आज तक उनकी मौत सभी लोगों के लिए रहस्यमय बनी हुई है। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद वर्ष 1964, तारीख 9 जून को वह भारत के प्रधानमंत्री बने थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 18 महीने तक वह देश के प्रधानमंत्री रहे।
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