राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव एक तरफ बगावत की चेतावनी दे रहे हैंतो दूसरी तरफ परिवार के साथ खड़े होने की बात कह रहे हैं। राजद के सीट बंटवारे में सम्मानजनक भागीदारी के मसले पर अपने ही परिवार से बगावत पर उतारू तेज प्रताप यादव ने नाम लिए बिना अपने ‘अर्जुन’ तेजस्वी काे ही दुर्योधन करार देते हुए दिनकर की पंक्तियों में कहा है, ‘जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है…।’ दूसरी ओर वे यह भी कहते हैं कि जो उनके और परिवार के बीच में आएगा, उसका सर्वनाश निश्चित है।
ट्विटर पर दी कृष्ण की चेतावनी
पहले खुद को कृष्ण और तेजस्वी को अर्जुन बताने वाले तेज प्रताप ने देर रात ट्विटर पर रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता की पंक्तियां शेयर कीं। उन्होंने लिखा:
‘दुर्योधन वह भी दे न सका,
आशीष समाज की ले न सका,
उलटे हरि को बांधने चला,
जो था असाध्य, साधने चला,
जब नाश मनुज पर छाता है,
पहले विवेक मर जाता है।’
तेजस्वी ने नहीं मानी तेज प्रताप की बात
तेज प्रताप यादव महागठबंधन में सीट बंटवारे के बाद राजद के हिस्से में आई 19 सीटों में से कम से कम दो सीटों पर अपनी पसंद के प्रत्याशी उतारना चाह रहे थे। जहानाबाद संसदीय क्षेत्र से चंद्र प्रकाश यादव और शिवहर से अंगेश सिंह को राजद का सिंबल दिलाने के लिए परिवार पर उन्होंने भारी दबाव बनाया। लालू प्रसाद से बात की। राबड़ी देवी को मनाया। तेजस्वी यादव से भी सीधे बात की। मीडिया में भी गए। तेजस्वी को दो दिनों का वक्त भी दिया। किंतु उनकी एक न चली। पार्टी ने पहले जहानाबाद और अब शिवहर सीट पर तेज प्रताप की इच्छा के खिलाफ जाकर अपने प्रत्याशी दे दिए हैं।
तेज प्रताप यादव का अपनी पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक का मुकदमा चल रहा है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी ने ऐश्वर्या के पिता चंद्रिका राय को जब सारण से प्रत्याशी बनाया तो तेज प्रताप ने इसका विरोध किया। लेकिन पार्टी यहां भी उनके दबाव के आगे झुकने के लिए तैयार नहीं हुई।
अब बगावत पर उतरे लालू के लाल
अब तेज प्रताप यादव जहानाबाद में अपनी पसंद के प्रत्याशी चंद्र प्रकाश यादव का 24 अप्रैल को निर्दलीय नामांकन कराने जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि सारण सीट पर अगर अनके ससुर लड़ते हैं तो वे खुद निर्दलीय मैदान में उतरेंगे। इस बीच उन्होंने अपने भाई तेजस्वी यादव को चापलूसों से घिरा होने का आरोप लगाया तो तेजस्वी ने भी बड़े भाई का नाम लिए बिना नसीहत दी कि घर के मामले बाहर नहीं जाने चाहिए।
बयानों से साफ झलकती नाराजगी
बयानों से स्पष्ट है कि तेज प्रताप यादव अपने ‘अर्जुन’ तेजस्वी से नाराज हैं। उन्होंने लालू प्रसाद यादव की अनुपस्थिति में तेजस्वी से ही पसंद की दो सीटों की बाबत बात की थी, जो नहीं मानी गई। ऐसे में तेज प्रताप के दिनकर की कविता वाले ट्वीट को इस प्रकरणसे जोड़कर देखा जा रहा है। अगर ऐसा है तो क्या तेज प्रताप ने ‘दुर्योधन’ कह तेजस्वी को चेतावनी दी, इसपर चर्चा गर्म है।
परिवार में फूट टालने वालों को भी दी चेतावनी
लेकिन तेज प्रताप ने अपने अगले ट्वीट में यह कहा कि जो भी उनके और परिवार के बीच आएगा, उसका सर्वनाश निश्चित है।
आगे-आगे देख्रिए, होता है क्या
मतलब साफ है कि तेज प्रताप ने परिवार व पार्टी में फैसला लेने की हैसियत रखने वाले (तेजस्वी) का विवेक मर जाने की बात करते हुए नाश की चेतावनी दी है। साथ ही परिवार में इस स्थिति के लिए जिम्मेदार लोगों को भी सर्वनाश की चेतावनी दे डाली है। अब आगे-आगे देख्रिए, होता है क्या।