देश के रक्षा मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता राजनाथ सिंह ने कहा है कि चीन के साथ पूर्वी लद्दाख क्षेत्र सहित सीमा विवाद पर कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर चर्चा चल रही है। रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जम्मू-कश्मीर जन संवाद रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने इस बात का जिक्र किया।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय गौरव के साथ कभी समझौता नहीं करेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत अब कमजोर देश नहीं रहा है और उसकी सुरक्षा क्षमता बढ़ गई है। केंद्र सरकार सीमा पर किसी भी घटनाक्रम के बारे में संसद या किसी को भी अंधेरे में नहीं रखेगी और उचित समय आने पर जानकारियां साझा करेगी।
राजनाथ ने कहा कि चीन के साथ कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर बातचीत चल रही है। चीन ने भी बातचीत के जरिए इस मुद्दे को सुलझाने की इच्छा जताई।
उन्होंने कहा कि मैं विपक्ष को सूचित करना चाहता हूं कि हमारी सरकार किसी को भी अंधेरे में नहीं रखेगी। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम किसी भी स्थिति में राष्ट्रीय गौरव के साथ समझौता नहीं करेंगे।
जन संवाद रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35 ए को लेकर सभी के मन में संशय था, लेकिन पूर्ण बहुमत मिलते ही हमने जो कहा था वह काम पूरा किया।
एक वक्त था जब हमें दो वोट मिले थे। और एक आज का वक्त है जब हमने पूर्ण बहुमत के साथ दोबारा सरकार बनाई है। हमने दो से लेकर दोबारा तक का सफर तय किया है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि पहले अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अनुच्छेद 370 को लेकर अन्य देशों का समर्थन हमेशा पाकिस्तान के साथ रहता था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमें इस मुद्दे पर मुस्लिम देशों का भी समर्थन प्राप्त हुआ है।
उन्होंने कहा कि लेकिन हम सीना ठोक कर अब कश्मीर को अपना हिस्सा कहते हैं। जम्मू और लद्दाख को शिकायत थी कि कश्मीर को प्राथमिकता मिलती है, लेकिन अब मौसम बदल चुका है। जम्मू-कश्मीर की तकदीर और तस्वीर को बदलने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं।
राजनाथ ने कहा कि आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर की तस्वीर इतनी बदल जाएगी कि पीओके के लोग भी सोचेंगे कि अगर हम भारत में होते तो हमारे दिन भी बदल गए होते। आने वाले दिनों में पीओके के लोग भी भारत का हिस्सा बनना चाहेंगे।
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