बिहार: जब स्कूल की बस खराब हो गई तब स्थिति देखते ही डीएम मिथलेश मिश्र ने बिना किसी औपचारिकता के अपनी सरकारी गाड़ी रोकी। मुस्कुराते हुए उन्होंने सभी बच्चों को अपने वाहन से उनके विद्यालय भिजवाने की व्यवस्था कर दी।
जिलाधिकारी मिथलेश मिश्र ने अपनी सादगी और मानवीय संवेदनाओं से बुधवार की सुबह लखीसराय के लोगों का दिल जीत लिया। रोज़ाना की तरह डीएम साहब अपनी नन्ही बेटी को स्कूल छोड़ने निकले थे। वापसी में रास्ते में एक निजी स्कूल की बस अचानक सड़क किनारे खराब हो गई, जिसमें दर्जनों नन्हे छात्र बैठे थे। चालक के बार-बार प्रयास के बावजूद वाहन स्टार्ट नहीं हुआ और बच्चे असहज हो रहे थे।
स्थिति देखते ही डीएम मिथलेश मिश्र ने बिना किसी औपचारिकता के अपनी सरकारी गाड़ी रोकी। मुस्कुराते हुए उन्होंने सभी बच्चों को अपने वाहन से उनके विद्यालय भिजवाने की व्यवस्था कर दी। यह देखकर वहां मौजूद लोग हैरान रह गए कि जिले का सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी इतनी सहजता से मदद के लिए आगे आ गया। सबसे प्रेरणादायक दृश्य तब सामने आया, जब बच्चों को भेजने के बाद डीएम साहब और उनकी पत्नी ने स्वयं पैदल ही अपने आवास की ओर रुख कर लिया।
न सुरक्षा का तामझाम, न रौब। बस सादगी और मानवीय संवेदना का जीवंत उदाहरण। राहगीरों ने इस नजारे को अपने मोबाइल में कैद कर लिया। कुछ ही समय में यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और लोग डीएम की दरियादिली व विनम्रता की सराहना करने लगे।