चारबाग रेलवे स्टेशन के जिस स्थल पर पहली बार महात्मा गांधी और पंडित जवाहर लाल नेहरू का मिलन हुआ था। वहां मौजूद गांधी उद्यान को रेलवे आम यात्रियों के साथ शहरवासियों की सैर के लिए संवारने की तैयारी कर रहा है। गांधी उद्यान में बच्चों के लिए झूले लगाए जाएंगे। साथ ही रेलवे इसी उद्यान के पास रेस्टोरेंट आन व्हील को स्थापित करेगा। जहां उद्यान की सैर के बाद लोग इस अनोखे रेस्टोरेंट में खाना भी खा सकेंगे।
चारबाग रेलवे स्टेशन के सामने गांधी उद्यान है। इस उद्यान में दो माली रेलवे ने तैनात किए हैं जो उद्यान के पार्कों का रखरखाव करते हैं। यहां यात्रियों के लिए उद्यान खोला गया तो कई बार असमाजिक तत्वों ने इसे नुकसान भी पहुंचाया। चारबाग स्टेशन के हेरिटेज लुक को देखते हुए रेलवे प्रशासन गांधी उद्यान को संवारने की तैयारी कर रहा है। इस उद्यान के आसपास आलमबाग सहित कई क्षेत्र आते हैं। जहां सैर के लिए पार्क नहीं है। ऐसे में रेलवे इस पार्क को नए सिरे से विकसित करेगा। रेलवे ने पार्क के बगल में ही रेस्टोरेंट आन व्हील के लिए स्थान चिन्हित कर दिया है। ऐसे में गांधी उद्यान में रंग बिरंगी फुव्वारे, म्यूजिक सिस्टम, स्लाइडिंग वाले झूले लगाए जाएंगे।
यहां तब मिले थे गांधी-नेहरू : लखनऊ में 26 से 30 दिसंबर 1916 तक कांग्रेस अधिवेशन में हिस्सा लेने के लिए महात्मा गांधी ट्रेन से लखनऊ आए थे। इस अधिवेशन में भारतीय श्रमिकों की भर्ती कर विदेशों में ले जाने की प्रथा को बंद करने का प्रस्ताव रखा था। ट्रेन से लखनऊ पहुंचने पर महात्मा गांधी का पंडित जवाहर लाल नेहरू से इसी स्थान पर मिलन हुआ था। पंडित जवाहर लाल नेहरू भी प्रयागराज (तब इलाहाबाद) से ट्रेन से लखनऊ आए थे।
ऐतिहासिक गांधी उद्यान को नए सिरे से विकसित करने की योजना बन रही है। इस पार्क में यात्री ही नहीं शहरवासी भी बच्चों के साथ सैर कर सकेंगे। इसके लिए झूले भी लगेंगे। पास ही में ट्रेन की बोगी वाला रेस्टोरेंट आन व्हील भी उपलब्ध होगा। – आशीष कुमार सिंह, निदेशक लखनऊ स्टेशन