लखनऊ में अलाया अपार्टमेंट बनवाने वाले बिल्डर ने मौत का खेल खेला है। बिल्डर ने घटिया निर्माण कराया था। बिल्डिंग के ना तो पिलर मजबूत थे और ना ही जरूरी मानक पूरे किए गए थे। एलडीए को शुरुआती जांच में इसकी जानकारी हुई है। बिल्डिंग लगभग 15 वर्ष पहले ही बनकर तैयार हुई थी।
अलाया अपार्टमेंट करीब 2007 में बनकर तैयार हुआ था। इस हिसाब से ईसे बने हुए लगभग 15 वर्ष ही हुए। लगभग 15 वर्ष में कोई भी बिल्डिंग इतनी जल्दी ध्वस्त नहीं हो सकती है। एलडीए इंजीनियरों का कहना है कि निश्चित तौर पर इसमें घटिया काम किया गया। जिसकी वजह से बिल्डिंग ध्वस्त हुई है। प्राधिकरण के अधिकारियों ने कहा कि बिल्डर ने इसके निर्माण में काफी कोताही बरती है। अगर मानक के अनुसार बिल्डिंग में सरिया, सीमेंट, कंक्रीट का इस्तेमाल किया गया होता तो यह अपार्टमेंट किसी सूरत पर ना गिरता। बिल्डर ने अपने मुनाफे के लिए घटिया निर्माण कराया। जिसकी वजह से मंगलवार को यह अपार्टमेंट ध्वस्त हो गया।
अलाया अपार्टमेंट का निर्माण यजदान बिल्डर के भाई फरहद ने कराया था। एलडीए के अधिकारियों को शुरुआती जांच में इसकी जानकारी हुई है। अलाया अपार्टमेंट जिस जमीन पर बनाया गया है उसके दस्तावेज तलाशे जा रहे हैं। प्राधिकरण के हाथ अभी तक दस्तावेज नहीं आए हैं। यह भी नहीं तय हो पाया है कि जमीन नजूल की है या प्राइवेट। हालांकि आशंका जताई जा रही कि यह अपार्टमेंट भी नजूल की जमीन पर बनाया गया है। प्राधिकरण के अधिकारी देर रात तक इसके दस्तावेज तलाश रहे थे। इसके लिए एलडीए का लालबाग तथा गोमतीनगर दोनों कार्यालय खुलवाया गया। प्राधिकरण के अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि इस बिल्डिंग का निर्माण यजदान बिल्डर के भाई फरहद ने कराया था। इससे जुड़े दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बिल्डिंग लगभग 15 वर्ष पुरानी है।