रूस की एक एडिटर को गिरफ्तार कर लिया गया जब उन्होंने यूक्रेन में मास्को की सैन्य कार्रवाई का विरोध किया। इसके बाद दुनिया भर में रूस के इस कदम की निंदा हुई और एडिटर के रिहाई के लिए गुहार लगाई गई। इसके बाद मंगलवार को एडिटर को छोड़ दिया गया लेकिन उनपर जुर्माना लगाया गया।

रूस के सरकारी टीवी न्यूज चैनल 1 पर सोमवार शाम को एक कार्यक्रम के दौरान अचानक एक महिला हाथ में युद्ध विरोधी पोस्टर लेकर समाचार पढ़ रही एंकर मारिना ओसाइयन्निकोवा (Marina Ovsyannikova) के पीछे खड़ी हो गई। पोस्टर में लिखा था, ‘युद्ध नहीं, युद्ध रोको। प्रोपेगेंडा पर पर भरोसा मत कीजिए, ये लोग आपसे झूठ बोल रहे हैं।’ इस महिला का नाम मरीना ओवस्यानिकोवा बताया गया है, जो चैनल में ही एक एडिटर हंै। आशंका जताई जा रही है कि ओवस्यानिकोवा को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।
लाइव प्रोग्राम के दौरान विरोध जताने से पहले मरीन ने एक वीडियो रिकार्ड किया था, जिसमें उन्होंने यूक्रेन में हो रही घटनाओं को अपराध बताते हुए कहा था कि उन्हें क्रेमलिन के प्रापगेंडा के लिए काम करने में शर्म आती है। उन्होंने वीडियो में कहा, ‘मुझे शर्म महसूस होती है कि मैंने टेलीविजन स्क्रीन पर झूठ बोला। मैं शर्मिंदा हूं कि मैंने रूसी लोगों को चलती-फिरती लाश बनने दिया।’
इस क्रम में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस मसले का जिक्र करते हुए पत्रकार की सुरक्षा का मुद्दा उठाया है। विरोध करने के बाद पत्रकार को हिरासत में लेकर 14 घंटे तक पूछताछ की गई। मास्को के ओसटैंकिंग जिला कोर्ट के जज की दखल के बाद पत्रकार को रिहा किया गया और 30,000 रुबल्स यानि 280 डालर के जुर्माने की भुगतान के लिए आदेश दिया गया। रूस में अवैध प्रदर्शन के लिए उन्हें 10 दिन की हिरासत का अधिकतम सजा का सामना करना पड़ सकता था।अदालत में पत्रकार ने खुद को निर्दोष बताया और कहा, ‘मैं अभी भी मानती हूं की रूस अपराध कर रहा है। ये दिन मेरी जिंदगी के लिए काफी कठिन हैं। बिना सोए ही मैंने दो दिन काटे।’
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