रिलायंस इंडस्ट्री मौजूदा समय में देश की दूसरी सबसे मूल्यवान लिस्टेड कंपनी है, जो कि एशिया, अफ्रीका और यूरोप के देशों में तेल का भरपूर व्यापार कर रही है, लेकिन इसके चलते वो घरेलू मार्केट को लगभग नजरअंदाज कर रही है। यह खबर ब्लूमबर्ग के हवाले से सामने आई है।
रिलायंस की रिफाइनरीज मिडिल ईस्ट से कच्चा तेल खरीदती हैं और फिर उसे रिफाइन कर नार्थ एशिया के तेजी से बढ़ रहे बाजारों जैसे कि चीन, जापान, साउथ कोरिया और ताईवान को सप्लाई करती है। यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब देश के भीतर तेल की मांग में तेजी आई है और वह उपभोक्ता के रुप में जापान के बाद तीसरे नंबर पर आ गया है। रिलायंस ने देश के खुदरा ईंधन क्षेत्र में अधिक रुचि ली और उसने 1,300 से अधिक सर्विस स्टेशन खोले हैं।
कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के मद्देनजर सरकार की ओर से 4 अक्टूबर को पेट्रोल और डीजल पर लगाए गए लागत नियंत्रण के बाद यह घरेलू तेल बाजार को और झटका दे सकता है। फिलहाल रिलायंस हालिया तनाव संकटों के बावजूद अपनी खुदरा योजना के साथ टिका हुआ है। इसी योजना के तहत रिलायंस अगले तीन वर्षों में तेल प्रमुख बीपी पीएलसी के साथ 2,000 खुदरा स्टेशनों की योजना बना रहा है।
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