राष्ट्रवादी शिक्षा पर संघ की कार्यशाला में पहुंचे 51 विश्वविद्यालयों के कुलपति

दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दो दिन की वर्कशॉप में 721 शैक्षणिक संस्थानों ने हिस्सा लिया. इसके अलावा इस कार्यक्रम में देशभर के तमाम केंद्रीय और राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों के 51 कुलपतियों ने हिस्सा लिया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य जैसा कि आयोजकों ने बताया है, देश की शिक्षा व्यवस्था को कैसे भारतीयता के पक्ष में तैयार किया जाए.

 आरएसएस के इस दो दिवसीय कार्यक्रम का नाम दिया गया था, ज्ञान गंगा. इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर आरएसएस चीफ मोहन भागवत थे. आयोजकों के मुताबिक इस वर्कशॉप का मुख्य उद्देश्य सरकार के शिक्षा कार्यक्रम के इतर एक ऐसी शैक्षणिक व्यवस्था को तैयार करना जो भारतीयता से पूरी तरह जुड़ी हुई हो.

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इस कार्यक्रम में तमाम कुलपतियों और वरिष्ठ शिक्षाविदों के अतिरिक्त इंडियन काउंसिल आॅफ हिस्टॉरिकल रिसर्च के अध्यक्ष वाई सुदर्शन राव भी मौजूद थे. इसके अलावा संघ के सहकार्यवाह कृष्णा गोपाल और सुरेश सोनी भी मौजूद थे. इस मौके पर भागवत ने गैर सरकारी और स्वायत्त भारतीय सोच विषय पर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि ये विकल्प नहीं है पर भारतीयता के पक्ष में एक वास्तविक प्रयास जरूर कहा जा सकता है.

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