यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अपना बयान दिया है। उन्होंने लगातार हमले का शिकार हो रहे मासूम बच्चों नागरिकों को लेकर चिंता जाहिर की है। जेलेंस्की ने कहा जिन लोगों को गैरकानूनी रूप से विस्थापित और हिरासत में लिया गया है उन्हें यूक्रेन वापस लौटाया जाना चाहिए। स्विट्जरलैंड में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर शांति शिखर सम्मेलन के बाद उनका ये बयान आया है।
स्विट्जरलैंड में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर शांति शिखर सम्मेलन हुआ था। अब ये शांति सम्मेलन खत्म हो गया है। सम्मलेन के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि बच्चों और नागरिकों सहित युद्ध के सभी कैदियों को, जो गैरकानूनी रूप से विस्थापित और हिरासत में लिए गए थे, यूक्रेन वापस लौटाया जाना चाहिए।
इसके अलावा, यूक्रेनी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि परमाणु सुविधाएं सुरक्षित होनी चाहिए और जापोरीजिया समेत उसके परमाणु संयंत्र यूक्रेन के नियंत्रण में होने चाहिए। युद्ध में परमाणु हथियारों का कोई भी खतरा या उपयोग स्वीकार नहीं किया जाएगा।
फूड सिक्योरिटी पर जेलेंस्की का बयान
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने वैश्विक खाद्य सुरक्षा का भी मुद्दा उठाया। वैश्विक खाद्य सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा, खाद्य उत्पादों के बनने और आपूर्ति पर निर्भर करती है। इस संबंध में, मुफ्त, पूर्ण और सुरक्षित वाणिज्यिक नेविगेशन, साथ ही काले और आजोव सागर में समुद्री बंदरगाहों तक पहुंच महत्वपूर्ण है।
खाद्य सुरक्षा को किसी भी तरह से हथियार नहीं बनाया जाना चाहिए। यूक्रेनी कृषि उत्पादों को जरूरतमंदों को सही तरह तक पहुंचाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, यूक्रेन का यह भी मानना है कि शांति तक पहुंचने के लिए सभी पक्षों की भागीदारी और बातचीत की आवश्यकता है।
उठाए जाएंगे ठोस कदम
जेलेंस्की ने कहा, ‘इसलिए, हमने सभी दलों के प्रतिनिधियों की भागीदारी के साथ उपर्युक्त क्षेत्रों में भविष्य में ठोस कदम उठाने का फैसला किया है।’
बता दें कि स्विट्जरलैंड में हुए दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के लिए नई योजनाओं पर चर्चा हुई। शांति शिखर सम्मेलन 15 जून को शुरू हुआ और 16 जून को समाप्त हुआ, जिसमें 92 देशों और संगठनों के प्रतिनिधियों को एक साथ लाकर रूस पर यूक्रेन के साथ युद्ध समाप्त करने का दबाव डाला गया। हालांकि, रूस को आमंत्रित नहीं किया गया और चीन शिखर सम्मेलन से दूर रहा।