उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में डायरिया ने पांव पसार दिया है। डायरिया से भाई-बहन की मौत हो गई। वहीं मां और छोटी बेटी जिंदगी से जूझ रही है। बहन का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है।

रायबरेली जिले में छीछेमऊ गांव में डायरिया से भाई-बहन की मौत हो गई। मां और छोटी बेटी जिंदगी से जूझ रही है। बहन का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। क्षेत्र के गांव में भाई को राखी बांधने आए बहन गोमती देवी के पुत्र आलोक ( 8 वर्ष) और पुत्री रिमझिम (11 वर्ष )की डायरिया से मौत हो गई। मां गोमती देवी और तीसरी पुत्री दिव्यांशी ( 5 वर्ष) की भी हालत खराब है। उसे भी सीएचसी से जिला अस्पताल रेफर किया गया है।
गोमती देवी का ससुराल धन्नापुर कानपुर में है। रक्षाबंधन के दूसरे दिन अपने तीनों बच्चों को लेकर भाई सुंदरलाल के घर राखी बांधने आई थी। उसके तीनों बच्चे और वह खुद डायरिया के चपेट में आ गए।
एक बेटी और बेटे की डायरिया से मौत हो गई। तीसरी बेटी जिला अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रही है। मामा सुंदरलाल ने बताया कि रात में सभी की हालत गंभीर हुई गांव के ही डाक्टरों से इलाज कराया गया। इससे रिमझिम और आलोक की मौत हो गई दिव्यांशी को सीएचसी से जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। कोतवाल गौरव कुमार ने बताया कि परिवारी जनों ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया है।
दो बच्चों की मौत पर दहाड़ें मारकर रोई बीमार मां
एक पुत्र व एक पुत्री की मौत पर बीमार गोमती देवी दहाड़ें मारकर रो पड़ी। घरवाले मातम में डूबे हैं। पूरे गांव में शोक का माहौल है। भाई के घर से बेटे और बेटी की अर्थी उठी तो गांव के लोगों की आंख में आंसू आ गए। सब कह रहे थे इन मासूम बच्चों के साथ ईश्वर ने कितना अन्याय किया। इनका अंतिम संस्कार कोइलाहा घाट गंगा के किनारे कर दिया गया। 
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