राम मंदिर निर्माण के लिए गठित ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट’ के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने कहा कि भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए कोई भी सरकारी दान या चंदा नहीं लिया जाएगा। ग्वालियर में ट्रस्ट के अध्यक्ष ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मंदिर निर्माण में शामिल होने के लिए सभी राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्रियों को अयोध्या आमंत्रित किया जाएगा।
महंत नृत्यगोपाल दास ने कहा कि हम पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित कर चुके हैं, हमारे पास उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ हैं। अन्य सभी राज्यपालों और मुख्यमंत्रियों, जिन्हें धर्म में रुचि है, उन्हें एक भव्य मंदिर के निर्माण में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।सरकार से नहीं लिया जाएगा कोई अनुदान
राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष ने आगे कहा कि मंदिर के निर्माण के लिए सरकार से कोई अनुदान नहीं लिया जाएगा। मंदिर जनता के योगदान से बनाया जाएगा। सरकार के पास पहले से ही कई समस्याएं हल करने के लिए हैं, हमारे पास ज्यादा बोझ नहीं है।
इससे पहले गुरुवार को महंत गोपाल दास ने उस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके सरकारी आवास पर मिला था। वीएचपी नेता चंपत राय, के पराशरन और स्वामी गोविंद गिरिजी महाराज भी उस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, जो 20 फरवरी को पीएम मोदी से मिला था।
गोपाल दास महाराज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद बताया था कि हमने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की और उन्हें अयोध्या आने का निमंत्रण दिया। प्रधानमंत्री ने हमें आश्वासन दिया है कि वह इस प्रस्ताव पर विचार करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि जल्द ही भव्य मंदिर का निर्माण किया जाएगा।
एडवाइजरी जारी हो गई है: डॉ अनिल
ट्रस्टी व अध्यक्ष के बैंकिंग कामकाज के लिए अधिकृत डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि विराजमान रामलला के मंदिर निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र (ट्रस्ट) का गठन हो चुका है। इसलिए रामालय की ओर से स्वर्ण संग्रह अभियान समेत जो भी अन्य ट्रस्ट/संस्था या व्यक्ति रामलला के नाम पर धन आदि का संग्रह कर रहे हैं, उन पर रोक लगाने की मांग की गई थी। इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी प्रदेशों को एडवाइजरी जारी कर दी है। इसकी सूचना ट्रस्ट में गृह मंत्रालय के अफसर ज्ञानेश कुमार ने दी है।राममंदिर के लिए तय हो रहा दान-अनुदान लेने का स्वरूप
ट्रस्ट के आफिसियों ट्रस्टी व जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया कि ट्रस्ट राममंदिर के लिए चंदा, दान-अनुदान लेने का स्वरूप तय कर रहा है। दान दाताओं को आयकर छूट के लिए 12-ए सर्टिफिकेट प्राप्त करने का आवेदन किया गया है। साथ ही पैन कार्ड के लिए भी पंजीकरण हुआ है। पूरी प्रक्रिया संपन्न होते ही अयोध्या में खोले जा रहे बैंक खाते को सार्वजनिक किया जाएगा। दान लेने का स्वरूप पूरी तरह से पारदर्शी व हाईटेक बनाया जा रहा है। इसके लिए एक वेबसाइट बन रही है, जहां दान-अनुदान समेत भक्तों को अयोध्या के महात्म्य, आगमन से लेकर पूजा-पाठ व ठहरने-घूमने की सभी जानकारियां उपलब्ध कराई जाएगी।
सोना जुटाकर ट्रस्ट को ही देंगे: अविमुक्तेश्वरानंद
रामालय ट्रस्ट के सचिव स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अमर उजाला को बताया कि देश के सात हजार गांवों से एक हजार किलोग्राम सोना दान लेने का लक्ष्य है। यह अभियान वाराणसी से शुरू किया गया है। हम सोना जुटाकर अधिकृत ट्रस्ट हो ही देंगे, दानी एफिडेविट के जरिए सोना दे रहे हैं कि हम रामालय के माध्यम से ही दान करना चाहते हैं। ऐसे में सरकार या कोई ट्रस्ट हमें दान लेने से नहीं रोक सकता। हमारे ट्रस्ट में सनातन धर्म के सभी प्रमुख संत-धर्माचार्य व अखाड़े हैं। स्वामी स्वरूपानंद जी महाराज की खुन्नस के चलते सरकार ने ट्रस्ट में इन संतों को सम्मान नहीं दिया है। हम इसकी लड़ाई पूरे देश में लड़ेंगे। विहिप-संघ व भाजपा की मनमानी से समाज में संकीर्णता आ रही है।