बॉलीवुड में अपने दो दशक लंबे सफर के दौरान अभिनेत्री रानी मुखर्जी ने अपने स्वभाव के अनुसार ही किरदारों का चयन किया है. वे कहती हैं कि वे अपनी फिल्मों से सिर्फ सामाजिक संदेश ही नहीं देना चाहतीं, बल्कि दर्शकों का मनोरंजन भी करना चाहती हूं. सालों तक रानी द्वारा ‘गुलाम’, ‘बिच्छू’ और ‘बंटी और बबली’ से ‘नो वन किल्ड जेसिका’, ‘मर्दानी’ और ‘हिचकी’ में चुने गए किरदारों में विरोधाभास देखा गया. मजबूत भूमिकाओं पर काम करने के प्रश्न पर उन्होंने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया, “जब फिल्म के चयन की बात आती है तो मैं बहुत स्वाभाविक हूं.” उन्होंने कहा, “जिस फिल्म को सुनकर मुझे लगता है कि इसने मेरे दिल को छुआ है या इसकी कहानी बताने लायक है तो मैं उस फिल्म से जुड़ जाती हूं. इसलिए, अब अगर कोई ‘बंटी और बबली 2’ लेकर आए, मैं 100 फीसदी वह फिल्म करूंगी, जिसमें वे मुझे गाते और नृत्य करते हुए भी देख सकते हैं.”
रानी (40) ने कहा कि कहानी से जुड़ना उनके लिए जरूरी है. उन्होंने कहा, “दिन खत्म होने पर इसका कोई अर्थ निकले और कुछ ऐसा हो जिसे करते हुए मुझे आनंद आए. यह पूरी तरह मनोरंजन पर आधारित भी हो सकती है, क्योंकि बतौर कलाकार, मुझे यह तथ्य कभी नहीं भूलना चाहिए कि मैं यहां लोगों का मनोरंजन करने आई हूं.”
हाल ही में रिलीज हुई फिल्म ‘हिचकी’ में रानी एक ऐसे टीचर के किरदार में नजर आईं, जो बार-बार हिचकी आने की बीमारी से परेशान थी. लेकिन वह इस परेशानी से आगे बढ़कर एक स्कूल में टीचर बनती हैं और स्टूडेंट्स की जिंदगी में परिवर्तन लाती हैं. रानी ने अपने इस इंटरव्यू में कहा, “मैं यहां लोगों को सिर्फ नई बातों या कोई सामाजिक संदेश की शिक्षा देने के लिए नहीं आई हूं. हां, अगर कोई फिल्म मेरे मन की आती है जिसमें मनोरंजन और सामाजिक संदेश दोनों हैं, मैं वह फिल्म जरूर करना चाहूंगी.”
रानी ने 2014 में आदित्य चोपड़ा से विवाह कर लिया था और 2015 में उन्होंने एक बेटी को जन्म दिया. उनकी बेटी का नाम आदिरा है. ‘हिचकी’ की सफलता के बाद आगे और फिल्में करने के सवाल पर रानी ने कहा, ‘हां, आप मुझे जोशीले अंदाज में देखेंगे.’
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