मानिकपुर के रानीपुर वन्य जीव विहार के निही चिरैया व बेधक जंगल में भीषण आग लगी है। मंगलवार से सुलग रही हल्की आग ने बुधवार को विकराल रूप धारण कर लिया है। धूं-धंकर जल रहे पेड़ से उठ रहीं लपटे दूर से देखी जा सकती है। सूरज की तपिश सूखी घास और पत्तों पर आग में घी का काम कर रही है। गर्मी बढ़ने के बाद बीते एक सप्ताह से पाठा के विंध्य पर्वत श्रंखला में रानीपुर वन्यजीव विहार के आधा दर्जन जंगलों मे आग सुलगना शुरू हो गई थी। जंगल में आग की तेज लपटों से जीव जंतुओं के झुलसने की संभावना है।

जनपद सीमा से सटे मध्यप्रदेश के निही चिरैया व बेधक जंगल में मंगलवार को सुबह आठ बजे से आग लगी। मध्य प्रदेश के वन विभाग केकर्मचारी आग को लेकर लापरवाह थे उनको आग को बुझाने का प्रयास नहीं किया जो धीरे-धीरे बढ़कर अपने इलाके में आ गई है। बुधवार की सुबह से आग सुलग रहे जंगल अब धूं-धूंकर जलने लगे हैं। तेज हवा व आसमान की तपिश से आग लगातार जंगल में फैल रही है। तेज आग की लपटों से जीव जंतुओं में भगदड़ मची है। रानीपुर वन्य जीव विहार के कर्मचारी आग पर काबू करने के लिए लगे हैं हालांकि आग पर काबू नहीं मिल रहा है। रानीपुर वन्यजीव विहार के मानिकपुर रेंजर कृष्णदत्त पांडेय ने बताया कि सात टीमें आग बुझाने में लगी है। उपकरण के साथ आग को कटाने का प्रयास किया जा रहा है।
ऐसे रोकते हैं आग का बढ़ना : जिस जगह आग लगी होती है उसके 50 मीटर आगे से खर पतवार को साफ कर दिया जाता है ताकि आग आगे नहीं बढ़े। अक्सर आग एक लाइन में आगे हवा के रुख में साथ बढ़ती है। घने जंगलों में फायर टैंकर पहुंच नहीं पाते हैं ऐसे में आग को काटकर ही बुझाया जाता है।
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