अमृतसर: डेरा ब्यास के मुखी बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों जी से डेरा ब्यास में एक आध्यात्मिक मुलाकात हुई, जिसमें पंजाब स्टेट फूड कमीशन के चेयरमैन बाल मुकुंद शर्मा, कमीशन के सदस्य चेतन प्रकाश धालीवाल, पी.एस. आर्ट्स एंड कल्चरल सोसाइटी के प्रधान प्रवीन संधू, सोसाइटी की महासचिव राजदीप कौर मुल्तानी, नवजोत संधू, अर्शदीप सिंह, ऑस्ट्रेलिया से आए शैक्षणिक संस्थानों के मालिक गौरव मल्होत्रा और उनकी धर्मपत्नी श्रीमती संदीप कौर शामिल रहे। इन सभी ने बाबा जी के दर्शन किए और कुछ निवेदन भी किए।
मुख्य रूप से चेयरमैन बाल मुकुंद शर्मा ने कम्युनिटी किचन की सुचारू कार्यप्रणाली की चर्चा करते हुए बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों जी के साथ कुछ सुझाव सांझा किए। उन्होंने कहा कि अब हम पोषण सुरक्षा (न्यूट्रिशनल सिक्योरिटी) की ओर बढ़ रहे हैं और कम्युनिटी किचन में मिलेट-बेस्ड फूड (मोटे अनाज) और पोषक आहार को विशेष रूप से शामिल किया जाना चाहिए, ताकि लोगों का स्वास्थ्य बेहतर हो सके।
उन्होंने औषधीय और हर्बल पौधों से तैयार मसालों को भोजन में शामिल करने और श्रद्धालुओं को अधिक से अधिक मिलेट (मोटे अनाज) की खेती करने के लिए प्रेरित करने का सुझाव रखा। बाबा जी ने इस सुझाव पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसा करने से जहां धान (चावल) के अंतर्गत आने वाला क्षेत्रफल कम होगा और भू-जल स्तर ऊपर उठेगा, वहीं मिट्टी की सेहत भी बेहतर होगी। इसके अतिरिक्त, डेरा ब्यास द्वारा प्रकाशित आध्यात्मिक साहित्य के प्रसार को बढ़ाने के लिए भी निवेदन किया गया।
इस दौरान पी.एस. आर्ट्स एंड कल्चरल सोसाइटी चंडीगढ़ (मोहाली) के प्रधान प्रवीन संधू ने अपनी हस्तलिखित पुस्तक ‘मां का पुनर्जन्म’ बाबा गुरिंदर सिंह ढिल्लों जी को भेंट की। इस दौरान बाबा जी ने मां के महत्व पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि मां का कोई विकल्प नहीं होता। उन्होंने यह भी बताया कि वे अपनी 96 वर्षीय माता जी को अपने साथ रखते हैं। यह संपूर्ण मुलाकात एक सुखद और उत्साहजनक माहौल में संपन्न हुई। बाबा जी का धन्यवाद करते हुए शर्मा ने कहा कि वे अपनी अन्य निवेदन लेकर भविष्य में पुनः आएंगे।