राजस्थान के सियासी संकट पर सुप्रीम सुनवाई शुरू हो गई है. विधानसभा स्पीकर की याचिका पर सर्वोच्च अदालत दलीलें सुन रही है.
स्पीकर सीपी जोशी ने राजस्थान हाईकोर्ट के द्वारा विधायकों पर एक्शन ना लेने के निर्देश देने के खिलाफ सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाया है. हाईकोर्ट के निर्देश के मुताबिक, स्पीकर 24 जुलाई तक बागी विधायकों पर कोई फैसला नहीं ले पाएंगे.
11.23 PM: कपिल सिब्बल ने कहा कि न्यायालय निर्णय का समय बढ़ाने के लिए स्पीकर को निर्देश नहीं दे सकता. जब तक अंतिम निर्णय स्पीकर द्वारा नहीं लिया जाता है, तब तक न्यायालय से कोई हस्तक्षेप नहीं हो सकता है.
11.20 PM: स्पीकर सीपी जोशी की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि कोर्ट, अध्यक्ष/स्पीकर को निर्देश नहीं दे सकता. सदन में क्या कब और कैसे करना है? ये तय करने का अधिकार स्पीकर का है. सिब्बल सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसले का हवाला दे रहे हैं.
10.11 AM: राजस्थान के ऑडियो टेप मामले में आज एक और टीम दिल्ली भेजी गई है. पहली टीम 6 दिन से दिल्ली में ही है. इस मामले में बीजेपी के कई स्थानीय नेताओं को नोटिस दिया गया है.
08.14 AM: राजस्थान हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें पायलट गुट याचिका के मामले में केंद्र सरकार को पक्षकार बनाने की अपील की गई है. दलील है कि राजस्थान में संवैधानिक संकट है. हालांकि, विधानसभा स्पीकर पक्ष की ओर से इस याचिका को खारिज करने की अपील की गई है.
विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी की दलील है कि अभी उन्होंने विधायकों को सिर्फ नोटिस दिया है, कोई फैसला नहीं लिया है. ऐसे में अदालत की ओर से स्पीकर के कामकाज में दखल नहीं दिया जा सकता है, ये संविधान और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन्स के खिलाफ है. इस याचिका पर सुनवाई से पहले सचिन पायलट गुट ने भी कैविएट लगा दी है, अपील है कि बिना उनका पक्ष सुने फैसला ना दिया जाए.
सचिन पायलट गुट ने स्पीकर के कारण बताओ नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, शुक्रवार से शुरू हुई सुनवाई मंगलवार तक चली जिसके बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित किया. साथ ही स्पीकर को 24 जुलाई तक कोई फैसला ना लेने को कहा, तब स्पीकर ने इस बात को स्वीकार लिया. लेकिन 24 घंटे के भीतर ही सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.
कानूनी लड़ाई के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी. सीएम की अपील थी कि एक चुनी हुई सरकार को गिराने की कोशिश हो रही है, जिसमें केंद्रीय मंत्री और कुछ अन्य बीजेपी नेता भी शामिल हैं. ऐसे में आपसे अपील की है इसको रोका जाए.
आपको बता दें कि राजस्थान सरकार जल्द ही विधानसभा का सेशन बुला सकती है, जिसमें फ्लोर टेस्ट कराया जा सकता है. मौजूदा परिस्थितियों के हिसाब से गहलोत के पास 100 से ऊपर विधायकों का समर्थन है, जबकि बीजेपी और पायलट गुट को मिला दें तो 95 तक आंकड़ा पहुंचता है.