मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान के विधायकों को एक चिट्ठी लिखी है. 3 पेज की चिट्ठी में मुख्यमंत्री ने कोरोना के हालातों पर सरकार की भूमिका के बारे में विधायकों को विस्तार से जानकारी दी है.
मौजूदा सियासी घटनाक्रम को लेकर मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी विधायकों से भावुक अपील की है. मुख्यमंत्री ने विधायकों से जनता की आवाज सुनने और लोकतंत्र को बचाने के लिए निर्णय लेने का आग्रह किया है. मुख्यमंत्री ने लिखा कि राजस्थान के लोगों और जन भावनाओं को पूरा करने के लिए लोकतंत्र का साथ दें. कांग्रेस के कुछ बागी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कुछ नेताओं पर सरकार को अस्थिर करने की कोशिश का आरोप है. गहलोत ने चिट्ठी में लिखा, चुनी हुई सरकार को अस्थिर करना किसी भी दृष्टिकोण से न्यायोचित नहीं है.
गहलोत ने लिखा है कि पिछले डेढ़ साल में प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने में उनकी सरकार ने हरसंभव कोशिश की है. शिक्षा, उच्च शिक्षा, चिकित्सा, बिजली, पानी, सड़क जैसे कार्यों के लिए सरकार की प्रशंसा हुई है. कोरोना महामारी के दौरान स्थितियां खराब हो गईं लेकिन समाज के हर वर्ग को साथ में लेते हुए इस बीमारी का सरकार ने काफी अच्छा प्रबंधन किया जिसकी राष्ट्रीय स्तर पर सराहना की गई. गहलोत ने लिखा, कोरोना के खिलाफ हम सब लोग मिलकर लड़ाई लड़ रहे हैं. इस बारे में प्रदेश के सभी जनप्रतिनिधियों से बात हुई और उसमें जो सुझाव मिले, उसके आधार पर कई फैसले लिए गए.
राजस्थान में जारी राजनीतिक अस्थिरता पर गहलोत ने चिट्ठी में लिखा है, ऐसी परिस्थिति में भी हमारे कुछ साथी और विपक्ष के कुछ नेता सरकार को अस्थिर करने के प्रयास में लगे हुए हैं जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है. पहले भी ऐसी कोशिश की गई है. इसलिए प्रदेश के लोग ऐसा कभी नहीं चाहेंगे कि राजस्थान में ऐसी परंपरा स्थापित हो. पूरे प्रदेश में ऐसे जनप्रतिनिधियों के प्रति भयंकर आक्रोश है. विधायकों से अपील करते हुए गहलोत ने लिखा है, लोकतंत्र को बचाने, हममें जनता का विश्वास बरकरार रखने और गलत परंपराओं से बचने के लिए जनता की आवाज सुननी चाहिए. मुझे विश्वास है कि प्रदेश के लोगों के व्यापक हित में आप सच्चाई के साथ खड़े होंगे और लोगों से किए गए वादे पूरे करने में सहयोग देंगे.