पुरी में जगन्नाथ रथ यात्रा को सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिल गई है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए कुछ शर्तें रखी हैं. SC ने कहा है राज्य और मंदिर न्यास के सहयोग से नागरिक स्वास्थ्य पर समझौता किए बिना रथ यात्रा का आयोजन किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्लेग महामारी के दौरान भी रथ यात्रा सीमित नियमों के साथ श्रद्धालुओं के बीच हुई थी.
बता दें कि देशभर में फैले कोरोना वायरस के मद्देनजर इस बार पुरी रथ यात्रा पर रोक लगी थी जिसके खिलाफ कोर्ट में याचिकाएं डाली गई थी. इन याचिकाओं पर जो बेंच सुनवाई कर रही थी उसमें सीजेआई एसए बोवडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी शामिल थे. आज SC के इस बेंच ने रथ यात्रा को शर्तों के साथ जारी रखने का फैसला सुनाया.
Supreme Court says, Puri rath yatra will be held with coordination of Temple committee, State and central Govt without compromising with health issue. pic.twitter.com/EECA3dR3fT
— ANI (@ANI) June 22, 2020
मुस्लिम छात्र ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका
ओडिशा में नयागढ़ जिले के 19 साल के मुस्लिम छात्र ने जगन्नाथ यात्रा पर रोक लगाने के फैसले पर पुनर्विचार की अपील की थी. सुप्रीम कोर्ट का रुख करनेवाला आफताब हुसैन बीए अर्थशास्त्र का छात्र है. उसे सोशल मीडिया पर राज्य का दूसरा सलाबेग कहा जा रहा है. आफताब हुसैन ने कहा है कि उसके पिता भी भगवान के भक्त थे.
छात्र ने अपने अधिवक्ता पी के महापात्रा के जरिए सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर की. उसने सुप्रीम कोर्ट से जगन्नाथ यात्रा पर दिए अपने फैसले पर फिर से गौर करने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने 18 जून को कहा था कि जन स्वास्थ्य और नागरिकों के हितों की रक्षा के मद्देनजर इस साल 23 जून को ओडिशा के पुरी में निर्धारित यात्रा की इजाजत नहीं दी जा सकती. ‘अगर हमने इसकी अनुमति दी तो भगवान जगन्नाथ हमें कभी माफ नहीं करेंगे.’