खुद को बाबा बताने वाले स्वामी कौशलेंद्र प्रपन्नाचार्य उर्फ फलाहारी महाराज को 21 साल की एक महिला से यौन उत्पीड़न के मामले में राजस्थान के अलवर जिले की एक अदालत ने बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। आठ महीने के ट्रायल के बाद एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज राजेन्द्र शर्मा ने 60 साल के फलाहारी महाराज को दोषी पाया। अलवर पुलिस ने पिछले साल सितंबर में बाबा के खिलाफ मामला दर्ज किया था। कारावास के अलावा अदालत ने बाबा पर एक लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के बिलासपुर की रहने वाली 21 साल की एक महिला ने 11 सितंबर, 2017 में बाबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। एफआईआर में उसने आरोप लगाया था कि 7 अगस्त को अलवर स्थित अपने आश्रम में यौन शोषण किया था। पीड़िता का परिवार सालों से बाबा के भक्त थे। पढ़ाई के बाद जब इंटर्नशिप में उसे स्टाइपंड मिला तो वह एक चेक आश्रम में दान करने गई थी। तब बाबा ने उसके साथ गलत हरकतें की। इस शिकायत पर बिलासपुर पुलिस ने अलवर के अरावली थाने को जीरो एफआईआर भेजी थी जिस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
इस फैसले के दौरान अलवर कोर्ट में मौजूद महिला के माता-पिता ने कहा, ‘बेटी को न्याय मिलने से वे संतुष्ट हैं। महिला के पिता ने कहा, ‘अगर बाबा हाई कोर्ट जाता है तो हम भी लड़ेंगे लेकिन उसे छुटने नहीं देंगे।’
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