योनि के बारे में ऐसी जानकारी आप को कही और नही मिलेंगी…

Vagina योनि शब्द लैटिन भाषा से आता है जिसका अर्थ है एक “तलवार की मयान” योनि छल्लो जैसी आकृती युक्त नलिका है ये छल्ले बलि लकीरें सेक्स या प्रसव के दौरान योनी को फैलने में मदद करती है यह संभोग या प्रसव के दौरान २०० प्रतिशत तक फ़ैल सकती है|

क्लाइटॉरिस पर लगभग 8000 तंत्रिकाएं समाप्त होती हैं। दूसरी ओर पुरुषों के पेनिस लिंग में 4000 तंत्रिकाएं होती हैं। यही कारण है कि यह भाग महिलाओं के शरीर में वासना को उत्तेजित करने वाला सबसे संवेदनशील भाग होता है!

हैमेन (Hymen), एक ऐसी पतली झिल्ली है जो योनी के मुख के अन्दर होती है यह समय के साथ कई कारण जैसे व्यायाम या यौन सम्बन्ध बनाने के दौरान टूट सकती है।

वजाइना में एक प्राकृतिक लुब्रीकेंट (स्नेहक) उपस्थित होता है जिसे स्कुआलेन कहा जाता है।

आपको यह समझना होगा कि जब कोई महिला अधिक सेक्स करती है तो इसका लचीलापन कम नहीं होता। यह पुन: अपने पहले आकार में वापस आ जाती है। ध्यान रहे: वजाइना का लचीलापन केवल बच्चे के जन्म के समय खो जाता है।

यदि आप ऐसा सोचती हैं कि इरेक्शन केवल पुरुषों को होता है तो यह बिलकुल गलत है! वजाइना में भी इरेक्शन होता है तथा संभोग के समय यह 200% तक फ़ैल जाता है!

1. योनि के बहरी अंग –
2. योनि के आंतरिक अंग –

योनि के बहरी अंग –
महिलाओं के जननांगों के बाहरी भाग को योनि कहा जाता है। इसमें निम्न भाग होते हैं।

मोन्स प्यूबिस या मोन्स वेनस

यह फैटी ऊतकों का बना एक गोलाकार ढेर होता होता है जो प्यूबिक की हड्डी, प्यूबिक के बाल और त्वचा को ढका रहता है। इसका कार्य इन हिस्सों पर लगने वाले आघात को रोककर अंदरूनी अंगों की रक्षा करना होता है।

लेबिया मेजोरा

इसमें दो त्वचीय मोड़ (cutaneous folds) होते हैं जो योनि को सुरक्षा प्रदान करने में मदद करते हैं। इनका कार्य महिलाओं के प्रजनन प्रणाली में बैक्टीरिया के प्रवेश को रोकना होता है।

लेबिया माइनोरा

यह दो तरफ से लटकी हुई त्वचा (flaps of skin) से मिलकर बनी होती है जिसका कार्य योनि द्वार की रक्षा करना और आंतरिक अंगों को अधिक तापमान से नीचे रखना होता है।

वोल्वल वेस्टिबुल

वाह्य अंगों के इस हिस्से में मूत्रमार्ग छिद्र (urethral orifice), योनि द्वार, हाइमन, बार्थोलिन ग्रंथियां और स्किन की ग्रंथियां (Skene’s glands) मौजूद होती हैं।

क्लिटोरिस
यह एक बेलनाकार, बटन की तरह और उत्तेजी अंग है जो कई संवेदी तंत्रिकाओं से मिलकर बना होता है और यौन उत्तेजना के प्रति यह बहुत संवेदनशील होता है अर्थात् सेक्स के लिए अंगों को उत्तेजित करने का कार्य करता है।

पेरिनियम(गुदा और अंडकोष के बीच का भाग) वह क्षेत्र है जहां श्रोणि तल की मांसपेशियां(pelvic floor muscles) स्थित होती हैं। यह मांसपेशियों से बनी होती हैं और योनि एवं गुदा (anus) दोनों को घेरे रहती हैं और दोनों को सुरक्षा प्रदान करती हैं।

योनि के आंतरिक अंग
योनि

यह मादा प्रजनन प्रणाली का मांसल और नलीदार(tubular) हिस्सा होता है जिसका कार्य गर्भाशय को इसके बाहरी हिस्से से जोड़ना होता है। यह सेक्स के दौरान योनि में लिंग को प्रवेश कराने का रास्ता प्रदान करता है और बच्चे को जन्म देने के लिए बर्थ कैनाल का कार्य करता है।

सर्विक्स यूटेरी

सर्विक्स गर्भाशय का निचला हिस्सा होता है और इसे योनि से जोड़ता है।

गर्भाशय यो कोख

यह एक चिकनी मांसपेशी है जहां भ्रूण का विकास होता है। इसकी आंतरिक परत या इंडोमेट्रियम गर्भ में भ्रूण आने के बाद हर महीने मोटा होता जाता है।

फैलोपियन ट्यूब

इस ट्यूब की लंबाई लगभग 10 मिमी. होती है जो अंडाशय को गर्भ से जोड़ता है। इसी ट्यूब में अंडे स्पर्म से मिलकर निषेचन का कार्य करते हैं।

अंडाशय

यह महिलाओं की जननग्रंथि होती है जो गर्भाशय के बगल की दीवार में जोड़े के रूप में पायी जाती है। इसका कार्य महिला के अंडे की कोशिकाओं का उत्पादन करना होता है। इसके अलावा यह मेल सेक्स हार्मोन उत्पन्न करने के लिए भी जिम्मेदार होती हैं।

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