दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा के सभी धुरंधर सियासी मैदान में जमकर प्रचार कर रहे हैं। शनिवार यानी एक फरवरी से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी दिल्लीवासियों से वोट मांगने के लिए पहुंचे। उन्होंने करावल नगर में भाजपा उम्मीदवार मोहन सिंह बिष्ट के समर्थन में प्रचार किया।

अरविंद केजरीवाल को स्पष्ट करना चाहिए कि वह दिल्ली की जनता के साथ हैं या पाकिस्तान के साथ। इसके साथ ही योगी ने पाकिस्तान के मंत्री का जिक्र करके कहा कि जनता केजरीवाल से यह जानना चाह रही है कि पाकिस्तान का मंत्री उनके पक्ष में क्यों खड़ा है। योगी ने कहा कि हमने तो उत्तर प्रदेश में ऐसे दंगाइयों से रिकवरी भी शुरू कर दी है। कानून के साथ किसी कीमत पर खिलवाड़ नहीं किया जाएगा। जो भी संपत्ति को नुकसान पहुंचाएगा, उससे रिकवरी की जाएगी। उत्तर प्रदेश में ऐसे दंगाइयों से रिकवरी की जाने लगी है।
दिल्ली के विकास के लिए अरविंद केजरीवाल हमेशा रोड़ा अटकाते हैं। रैपिड रेल बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने अब तक बजट नहीं जारी किया है।
दिल्ली विधानसभा का चुनाव ऐसे समय में हो रहा है, जब पूरी दुनिया के अंदर भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र जी के द्वारा लिए जा रहे नए-नए निर्णयों की धमक दिखाई दे रही है।
भारत के अंदर किसी भी प्रकार के अलगाववाद, उग्रवाद व नक्सलवाद को बढ़ावा नहीं देने देंगे, यह स्पष्ट घोषणा प्रधानमंत्री श्री मोदीजी ने की थी।
मोदी जी ने पीएम बनते ही इस बात की घोषणा की कि विकास सबका, योजनाओं का लाभ सबको लेकिन तुष्टिकरण किसी का नहीं। ये शासन की आदर्श व्यवस्था का एक उदाहरण है।
आज आपने देखा होगा 1947 से 2014 तक देश के अंदर राज करने वाली सरकारों ने जितना काम नहीं किया, मोदीजी ने अपने केवल 5 साल के कार्यकाल में 2 करोड़ परिवारों को मकान दिलाए, 4 करोड़ परिवारों को विद्युत के कनेक्शन दिलवाए।
कांग्रेस ने जाति, क्षेत्र, मजहब के नाम पर जिस भेदभाव के साथ काम करना शुरू किया था वो मोदीजी के आने के बाद समाप्त हुआ।
शाहीन बाग का धरना नागरिकता कानून को लेकर नहीं है, ये धरना इस बात को लेकर है कि भारत दुनिया में एक ताकत के रूप में कैसे बनकर उभर रहा है।
कांग्रेस और केजरीवाल में कोई अंतर नहीं है। कांग्रेस का एक पदाधिकारी सुप्रीम कोर्ट में जाता है और कहता है कि राम जन्मभूमि का फैसला नहीं होना चाहिए। और केजरीवाल के एक सहयोगी सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाते हैं कि निर्भया के दोषियों को फांसी नहीं होनी चाहिए।
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