अगर आप वीआईपी नंबर के शौकीन हैं तो आसानी से यहां से पा सकते हैं अपना मनपसंद नंबर….
4141 वीआईपी नंबरों में तो शुमार है ही लेकिन बढ़ते क्रेज के कारण फ्री में मिलने वाला नंबर 8055 भी महंगे दामों में बिक रहा है। अधिकारिक रूप से 8055 के लिए कोई फीस तय नहीं है लेकिन बढ़ती डिमांड के कारण दलाल और आरटीओ के बाबू इसके भी खूब पैसे वसूल रहे हैं। लोग 4141 को नंबर लिखने वालों से पापा या दादा के रूप में डिजाइन करवा लेते हैं, वहीं 8055 को ऐसे लिखवाते हैं जैसे बॉस। ऐसे ही और भी कई नंबर हैं जिनकी खूब डिमांड है और लोग अच्छी खासी रकम भी खर्च करने को तैयार हैं। बता दें नंबरों को गलत ढंग से डिजाइन करवाना सरासर नियमों के विपरीत है।लग्जरी कारों और महंगी मोटरसाइकिलों के साथ ही लोगों में ऐसे वीआईपी नंबरों का भी खूब क्रेज है। मनचाहा नंबर पाने के लिए लोग मुंहमांगी कीमत चुकाने को तैयार हैं। हालांकि इसके बाद भी वीआईपी नंबर पाना आसान नहीं है। गाड़ी के नंबरों की एक सीरीज कुल 9999 नंबर होते हैं। इसमें से आरटीओ ने 346 नंबरों को वीआईपी नंबरों की सूची में डाल रखा है। इन नंबरों को पाने के लिए लोगों को ऑनलाइन बुकिंग कराने के साथ ही 1500 से तीन हजार रुपये तक अलग-अलग श्रेणी में देने होते हैं। पहले आओ पहले पाओ की तर्ज पर नंबर एलॉट किया जाता है। योगी-मोदी और राम वीआईपी नहीं
लोगों का योगी, मोदी और भगवान राम का प्रेम इस कदर छाया कि नंबर प्लेट के अंकों को ही योगी, मोदी और राम के रूप में बदल देते हैं। जैसे 4091 से योगी और 4749 को मोदी के रूप में लिखवा रहे हैं। वहीं 214 को राम के रूप में लिखवा रहे हैं। ये नंबर वीआईपी श्रेणी से बाहर हैं। मतलब इनकी कोई फीस नहीं है।
नंबरों की गणित में बाबुओं की मोटी कमाई
कई ऐसे नंबर हैं, जिन्हें परिवहन विभाग ने वीआईपी नंबरों की श्रेणी में नहीं डाला है। इन्हें पाने के लिए कोई फीस नहीं देनी पड़ती। हालांकि फ्री की श्रेणी वाले नंबरों के क्रेज को बाबू और दलाल खूब भुना रहे हैं।कुछ वीआईपी नंबर
0001 से 0010 तक, 0786, 4444, 5555, 6666, 7777, 9494, 8800, 8100, 8200, 6633, 2525, 2828, 8080, 7070, 3355, 6336, 3399।
वीआईपी नंबरों को पाने के लिए किसी दलाल के पास जाने की जरूरत नहीं है। ऑनलाइन बुकिंग कराकर ये नंबर पाए जा सकते हैं। इसके लिए parivahan.gov.in पर जाकर बुकिंग करानी होगी।