प्रयागराज में माघ मेले के तीसरे प्रमुख स्नानपर्व मौनी अमावस्या पर संगम तट पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा है। कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर संगम तट पर पहुंचकर नाव से उस पार गईं और संगम में डुबकी लगाई और पूजन किया। प्रियंका गांधी वाड्रा खुद ही नाव चलाते हुए घाट पर पहुंचीं और नाविक को दो हजार रुपये दिए।
इसी बीच भीड़ में से सीमा सिंह निवासी नैनी ने जब आवाज दी तो प्रियंका सुरक्षा घेरे को तोड़ते हुए उसके पास पहुंच गईं और बातचीत करते हुए उसे अपने साथ अपनी गाड़ी तक ले आईं। यह लड़की बीटीसी कर रही है।
वह संगम पर समय बिताने के बाद दोपहर का भोजन भी यहीं मनकामेश्वर में कर सकती हैं। इससे पहले फूड इंस्पेक्टर ने भोजन का निरीक्षण किया। कहा तो ये भी जा रहा है कि वह शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से वार्ता भी कर सकती हैं।
प्रियंका गांधी 11:40 बजे आनंद भवन पहुंचीं। वहां कांग्रेस के नेताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया। उनके साथ उनकी बेटी भी है। गेट पर भारी भीड़ को देखते हुए आनंद भवन के गेट को खोल दिया गया। कार्यकर्ता भी भीतर घुस गए थे, जिन्हें बाद में रोका गया। आनंद भवन पहुंचकर प्रियंका ने अपने परदादा और देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के अस्थिस्थल पर पुष्प अर्पित कर उन्हें याद किया। इसके बाद वो अनाथ बच्चियों से मिलीं और काफी देर तक उनसे बात की।
मौनी अमावस्या स्नान पर्व पर श्रद्धालुओं का भारी रेला स्नान के लिए उमड़ पड़ा है। हाल यह है कि मेला क्षेत्र के साथ-साथ श्रद्धालुओं के लिए बनाया गया वैकल्पिक वाहन पार्किंग भी सुबह 10 बजते बजते फुल हो गया था। जिसके बाद भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस के पसीने छूट गए। प्रियंका के प्रयागराज पहुंचने की खबर से पुलिस का हाल ज्यादा बुरा हो गया और उन्हें ट्रैफिक नियंत्रण मेें काफी परेशानी आई।
मिर्जापुर व रीवा की ओर से आने वाले वाहनों को नव प्रयागम लेप्रोसी चौराहे के पास स्थित पार्किंग में ही पार्क कराया जा रहा है। यही नहीं श्रद्धालुओं के साथ- साथ चार पहिया वाहनों का शहर क्षेत्र में प्रवेश रोक दिया गया है। इसी तरह अन्य वैकल्पिक पार्किंग भी वाहनों से ठसाठस हैं। मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए शहर में भी जवाहरलाल नेहरू मार्ग समेत संगम क्षेत्र में जाने वाले कई रास्तों पर बैरिकेडिंग कर चार पहिया वाहनों का प्रवेश रोक दिया गया है। सिर्फ प्रशासनिक व चिकित्सीय वाहनों को ही जाने दिया जा रहा है।