गोरखपुर के ग्रामीण क्षेत्र खजनी रेंज के बेलघाट गांव के एक बाग में 300 से अधिक चमगादड़ मृत पाए गए। अचानक बड़ी संख्या में चमगादड़ों की मौत से ग्रामीणों में दहशत फैल गई ।
हालांकि चमगादड़ों के मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो सकी है। वन विभाग प्रथम दृष्टया इनके मौत की वजह अचानक बढ़ी गर्मी व पानी की कमी बता रहा है।
बेलघाट स्थित ध्रुव नारायण शाही के बाग में सुबह बड़े पैमाने पर चमगादड़ मृत पाए गए। थोड़ी ही देर में मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई।
कोरोना संक्रमण को लेकर ग्रामीणों में चमगादड़ से दहशत भी है। सुबह करीब 11 बजे सूचना मिलने के बाद खजनी रेंजर देवेंद्र कुमार भी बाग में पहुंच गए।
वहां पर उन्होंने सभी मृत चमगादड़ों को एकत्रित किया और उन्हें पोस्टमार्टम के लिए लेकर गए। उन्होंने कहा कि मौत की वजह अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो पा रही है। अचानक गर्मी बढऩे की वजह से ऐसा हो सकता है।
उनका कहना है कि आसपास के सभी तालाब सूखे हुए हैं। पानी की तलाश में चमगादड़ इधर-उधर भटक रहे हैं। पानी न मिलने और ऊपर से बेतहाशा गर्मी की वजह से चमगादड़ों की मौत हो गई होगी।
बताया जा रहा है कि चमगादड़ उससे थोड़ी दूरी पर स्थित रोहित शाही के पेड़ पर रहते थे। सोमवार दोपहर करीब दो बजे भी कुछ चमगादड़ मृत देखे गए थे।
डीएफओ अविनाश कुमार का कहना है कि मृत चमगादड़ों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है। रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट रूप से कुछ बताया जा सकता है।
मृत पाए गए चमगादड़ों में से तीन के शव सुरक्षित जार में रखकर उनको पोस्टमार्टम के लिए बरेली भेजा जाएगा। पशु चिकित्साधिकारी ने बेलघाट में चमगादड़ों के शव को जार में रखा है। और अब वह अपने उच्चाधिकारियों से भी राय ले रहे हैं।
लॉकडाउन की वजह से शहर की बदली आबोहवा प्रकृति के करीब होने का आभास करा रही है। इसका नतीया यह है कि दुर्लभ परिंदे भी शहर में दिखने लगे हैं।
इनकी चहचहाहट लोगों को सुखद अहसास करा रही है। शहर की ग्रीन सिटी में इन दिनों पर्पल सनबर्ड देखी जा रही है। यह चिडिय़ा अत्यंत दुर्लभ मानी जाती है, लेकिन शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 108 के करीब पहुंचने के कारण यह इस समय शहर में देखी जा रही है।
ऐसे ही उल्लू कई स्थानों पर देखे गए हैं। उल्लू भी आबादी से दूर रहने वाला पक्षी है। इसके अलावा इंडियन सीवेट भी राप्तीनगर की तरफ देखी गई है।
डीएफओ अविनाश कुमार का कहना है कि शहर की आबोहवा लॉकडाउन की वजह इस समय एकदम शुद्ध है। ऐसे में तमाम पक्षियों की चहचहाहट शहर के भीतर सुनने को मिल रहा है। तमाम दुर्लभ परिंदे यहां देखे जा रहे हैं। यह शहर के लिए सुखद है।