मकर संक्रांति के बाद हर साल करवट लेने वाले मौसम का मिजाज भी वर्ष 2020 में ट्वेंटी-20 के तेवर दिखा रहा है। ठंड से कांप रहे उत्तर प्रदेश के आधे से ज्यादा हिस्से में बादलों ने इस कदर डेरा डाल रखा है कि छंटने का नाम नहीं ले रहे।
बुधवार आधी रात के बाद से प्रदेश के करीब 37 जिलों में शुरू हुई बारिश गुरुवार को सावन की झड़ी बन गई। वैज्ञानिकों के मुताबिक, आमतौर पर 16 जनवरी तक औसतन 9.1 मिली मीटर (मिमी) बारिश होती है, लेकिन प्रदेश में पिछले 24 घंटे के भीतर ही यह आंकड़ा 13.4 मिमी पहुंच गया। यह औसत से करीब 147.7 फीसद अधिक है। बाराबंकी, गोंडा, कानपुर में सबसे ज्यादा बारिश हुई। खेती पर इसका मिला जुला असर पड़ा है।
मौसम विभाग ने शुक्रवार को बारिश की संभावना जताई थी, लेकिन गुरुवार आधी रात से ही तेज बारिश की शुरुआत हो गई। लखनऊ में देर रात तक वर्षा होती रही।
बरसात के कारण कई जिलों में तापमान ज्यादा तो नहीं मगर कुछ हद तक लुढ़का है। लखनऊ का अधिकतम पारा सामान्य से छह डिग्री कम 15.8 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जबकि न्यूनतम तापमान सात डिग्री अधिक 14 डिग्री सेल्सियस रहा।
लखनऊ के आसपास के जिलों में भी बारिश का सिलसिला बना रहा। गोरखपुर व प्रयागराज में बारिश तो नहीं हुई, लेकिन बादल जमे रहे। मेरठ, बागपत समेत कई स्थानों पर बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई।
मेरठ में न्यूनतम तापमान गिरकर नौ, बागपत व शामली में आठ, बुलंदशहर में 11 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। बिजनौर, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर में सात डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर के पास विक्षोभ बना हुआ है। इस कारण बारिश ने जोर पकड़ा है। अभी यह सिलसिला शनिवार तक जारी रहेगा। इस दौरान प्रदेश के विभिन्न इलाकों में हल्की बारिश होगी।