उत्तर प्रदेश सरकार प्रवासी मजदूरों के लिए शुक्रवार को रोजगार की सौगात लेकर आ रही है. यूपी सरकार का दावा है कि राज्य में सरकार सवा करोड़ रोजगार मुहैया कराने जा रही है.
इस योजना को आत्मनिर्भर यूपी रोजगार अभियान का नाम दिया गया है. शुक्रवार सुबह 11 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस योजना की शुरुआत करेंगे.
बता दें कि लॉकडाउन में जितनी औद्योगिक इकाइयां बंद थीं, उन सभी को 18 जून के बाद दोबारा चालू कराया गया है. इसमें कुल 7 लाख 8 हजार औद्योगिक इकाइयां हैं, जिसमें करीब 42 लाख कामगारों को समायोजित किया जाएगा.
सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने बताया कि योगी सरकार अब तक का सबसे बड़ा रोजगार प्रबंधन का काम करने जा रही है, जिसमें कई लोगों को नौकरी की चिट्ठी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद देंगे.
नवनीत सहगल के मुताबिक 29 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में जिन प्रमुख औद्योगिक संस्थाओं ने एक एमओयू पर हस्ताक्षर कर ये फैसला लिया था कि प्रवासी मजदूरों को बड़ी तादाद में रोजगार मुहैया कराएंगे.
ये सभी संस्थाएं 11 लाख प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन संस्थाओं की तरफ से 2 लाख प्रवासी कामगारों को नियुक्ति पत्र देंगे.
आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम औद्योगिक इकाइयों की सहायता के लिए बैंकों के द्वारा 20% अधिक अतिरिक्त धनराशि कर्ज के तौर पर मुहैया कराई जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद उत्तर प्रदेश के 2 लाख 21 हजार इकाइयों को 5000 करोड़ का कर्ज बाटेंगे.
रोजगार मेले के अलावा प्रधानमंत्री मोदी सवा लाख नई इकाइयों को लगभग 4000 करोड़ का कर्ज देंगे, जिससे चार लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है.
रिपोर्ट के मुताबिक निजी निर्माण कंपनियों की ओर से 1.25 लाख कामगारों को नियुक्ति पत्र दिया जाएगा. विश्वकर्मा श्रम सम्मान और ओडीओपी योजना के तहत 5000 कामगारों को टूल किट दी जाएगी, जिससे ये मजदूर स्वावलंबी होकर काम कर सकें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मजदूरों और कामगारों से संवाद भी करेंगे. रिपोर्ट के मुताबिक गोरखपुर, जालौन सहित 6 जिलों के लाभार्थियों से पीएम मोदी बात करेंगे. महिलाएं भी पीएम मोदी से अपना अनुभव साझा करेंगी. बता दें कि लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा 35 लाख प्रवासी मजदूर यूपी लौटे हैं.