यूपी में कोरोना को बढने से रोकने के साथ CM योगी ने भारत- नेपाल के बीच तनाव कम करने का संभाला मोर्चा

चीन के जानलेवा कोरोना वायरस के संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए दिन-रात एक करने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अब एक और बड़ा मोर्चा संभालना है। भारत तथा नेपाल के बीच चल रहे सीमा विवाद को समाप्त करने में योगी आदित्यनाथ बड़ी भूमिका में रहेंगे। माना जा रहा है कि नेपाल के नेता चीन के बहकावे में हैं, इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ एक बार नेपाल को चेतावनी भी दे चुके हैं।

भारत और नेपाल के बीच चल रही तनातनी को कम करने में गोरखनाथ मंदिर बड़ी भूमिका निभा सकता है। गोरक्षपीठ की नेपाल में जड़ें काफी गहरी हैं। वहां पीठ की वहां आमजन तक पहुंच है। विदेशी मामलों के कुछ विशेषज्ञ बताते हैं कि नेपाल से संबंध ठीक रखने हैं तो इसका एक सरल मार्ग गुरु गोरखनाथ का नाथ पंथ भी हो सकता है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्ष पीठाधीश्वर इसमें सहायक सिद्ध हो सकते हैं। यह वह मजबूत सूत्र है जिससे बंधकर नेपाल की जनता और वहां का शासक वर्ग हमसे अलग होने के बारे में सोच भी नहीं सकता। नेपाल शाही परिवार गुरु गोरखनाथ को अपना राजगुरु मानता रहा है। नेपाल और नाथ पंथ एक-दूसरे में ऐसे रचे-बसे हैं कि शासक वर्ग भले कुटिल चाल करने वाले चीन की भाषा बोलने लगें, लेकिन नेपाल की जनता हमेशा भारत के स्वर में ही स्वर मिलाकर बोलेगी।

गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ भी नाथ पंथ के प्रमुख होने की हैसियत से अक्सर नेपाल जाया करते थे और वहां की जनता उन्हे भगवान गोरक्षनाथ के प्रतिनिधि के रूप में लेते हुए उनकी पूजा करती है। नेपाल की आम जनता में इनकी महत्ता है। जिस तरह से नेपाल में जमीन को राजनीतिक विवाद पैदा करने की कोशिश की जा रही है, उस विवाद को हल करने में गोरक्षपीठ बड़ी भूमिका निभा सकती है क्योंकि वहां के आम लोग इस पीठ से जुड़े हैं। गोरक्षपीठ के मौजूदा गोरक्षपीठाधिश्वर उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं, जिनकी बातों को नेपाल की जनता बहुत सम्मान देती है। इतना ही नहीं वहां के राजनीतिक दलों के लोगों का भी मंदिर के प्रति आकर्षण रहा है। महंत दिग्विजयनाथ, महंत अवैद्यनाथ अक्सर नेपाल आया जाया करते थे।

नेपाल राजवंश से गोरखनाथ मंदिर का पुराना संबंध

गोरखपुर के गोरक्षपीठ के गोरखनाथ मंदिर और नेपाल का संबंध सदियों से हैं। यह मान्यता है कि नेपाल राजवंश का उद्भव भगवान गोरखनाथ के आशीर्वाद से हुआ था। जिसके बाद शाह परिवार पर भगवान गोरखनाथ का हमेशा आशीर्वाद रहा है। इसी कारण नेपाल राजवंश ने गुरु गोरखनाथ की चरण पादुका को अपने मुकुट पर बना रखा था, इतना ही नहीं नेपाल के सिक्कों पर गुरु गोरखनाथ का नाम लिखा है। गुरु गोरक्षनाथ के गुरु मक्षयेन्द्रनाथ के नाम पर आज भी नेपाल में उत्सव मनाया जाता है। राजपरिवार अब भी गुरु गोरखनाथ को अपना राजगुरु मानता है। मकर संक्राति के दिन भगवान गोरखनाथ को पहली खिचड़ी गोरक्षपीठाधीश्वर चढ़ाते हैं तो दूसरी खिचड़ी आज भी नेपाल नरेश की तरफ से चढ़ाई जाती है। गोरखनाथ मंदिर के सचिव द्वारिका तिवारी ने बताया कि कई बार नेपाल नरेश खुद खिचड़ी चढ़ाने यहां आए, नहीं तो उनका कोई न कोई प्रतिनिधि यहां पर खिचड़ी चढ़ाने आता है। उसको यहां से नेपाल की सुख शांति के लिए महारोट का प्रसाद दिया जाता है।

महारोट एक स्पेशल प्रसाद होता है जिसे गोरक्षनाथ मंदिर में मौजूद योगी ही बनाते हैं। मकर संक्राति में बड़ी संख्या में नेपाली श्रद्धालु गोरखपुर आकर गोरखनाथ भगवान को खिचड़ी अर्पित करते हैं, नेपाल में बड़ी संख्या में लोग गोरखनाथ भगवान की पूजा करते हैं। उनकी गोरखनाथ में विशेष आस्था है। नेपाल में कई जगह भगवान गोरखनाथ के मंदिर हैं। इतना ही नहीं पशुपतिनाथ मंदिर में भी गोरखनाथ भगवान का मंदिर है, वहां मुक्तिनाथ धाम नाथ संप्रदाय का ही है। नेपाल में बड़ी संख्या में लोग नाथपंथ से जुड़े हुए हैं।

नये राजनीतिक नक्शे को लेकर विवाद

दोनों देशों में विवाद नेपाली कैबिनेट की ओर से पास नये राजनीतिक नक्शे को लेकर है। इसमें भारतीय क्षेत्र लिपुलेख, कालापानी व लिम्पियाधुरा को नेपाली क्षेत्र में दर्शाया गया है। भारत के उत्तराखंड राज्य के बॉर्डर पर नेपाल-भारत और तिब्बत के ट्राई जंक्शन पर स्थित कालापानी करीब 3600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। भारत का कहना है कि करीब 35 वर्ग किलोमीटर का यह इलाका उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले का हिस्सा है जबकि नेपाल सरकार का कहना है कि यह इलाका उसके दारचुला जिले में आता है। नेपाल के इस फैसले में चीन का दखल माना जा रहा है। दोनों देश मामले को बातचीत के जरिए सुलझाने की कोशिश में हैं।

योगी आदित्यनाथ की नेपाल को चेतावनी- तिब्बत का हश्र याद रखे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नेपाल के साथ सीमा विवाद के मुद्दे पर पड़ोसी देश नेपाल को चेतावनी दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नेपाली सरकार को आगाह करते हुए कहा कि उसे अपने देश की राजनीतिक सीमाएं तय करने से पहले परिणामों के बारे में भी सोच लेना चाहिए। उन्हेंं यह भी याद करना चाहिए कि तिब्बत का क्या हश्र हुआ।

मुख्यमंत्री ने नेपाल के साथ भारत के सदियों पुराने सांस्कृतिक रिश्ते का हवाला दिया और कहा कि भारत और नेपाल भले ही दो देश हों लेकिन यह एक ही आत्मा हैं। दोनों देशों के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक रिश्ते हैं, जो सीमाओं के बंधन से तय नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि नेपाल की सरकार को हमारे रिश्तों के आधार पर ही कोई फैसला करना चाहिए। अगर वह नहीं चेता तो उसे तिब्बत का हश्र याद रखना चाहिए।

नेपाल सीमा पर तनाव

नेपाल और भारत के बीच बॉर्डर पर जमीनी विवाद धीरे-धीरे नया रूप लेता दिख रहा है। बिहार में शुक्रवार को सीतामढ़ी के सोनबरसा बॉर्डर नेपाल पुलिस की ओर से अंधाधुंध फायरिंग की गई। इसमें चार भारतीयों को गोली लगी, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। फायरिंग की इस घटना के बाद से सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com