उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए योगी सरकार ने फरमान जारी किया है. पुलिस के हर कर्मचारियों को सरकार को अब अपनी संपत्ति का ब्योरा देना होगा. कर्मचारियों को हर साल खरीदी, बेची गई चल और अचल संपत्ति की जानकारी देनी होगी.
प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने शासन को प्रस्ताव भेजा है. इसके तहत आईपीएस, पीपीएस, गजेटेड, नॉन गजेटेड पुलिसकर्मी घेरे में आएंगे. अब तक सिर्फ आईपीएस अधिकारी ही हर साल ब्योरा देते थे.
इसके अलावा पीपीएस अधिकारी 5 साल में जानकारी देते थे. पुलिसकर्मियों को खुद, पत्नी अथवा किसी भी आश्रित सदस्य के नाम पर खरीदी गई संपत्ति का ब्योरा देना होगा.
शासनादेश में कहा गया है कि हर 5 साल की अवधि बीतने पर प्रत्येक सरकारी कर्मचारी नियुक्ति करने वाले प्राधिकारी से ऐसी सभी अचल संपत्ति की घोषणा करेंगे जिसका वे मालिक हैं.
जो संपत्ति खुद अर्जित की गई हो, जिसे दान में पाया गया हो या जिसे पट्टा या रेहन पर रखा हो, उसकी भी जानकारी देनी है. वैसी पूंजी के बारे में भी ब्योरा देना होगा जिसे समय-समय पर रखा गया हो.
भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के लिए चल-अचल संपत्ति का विवरण हर कैलेंडर वर्ष के शुरुआत में 15 जनवरी तक देना अनिवार्य है. यूपी पुलिस में पीपीएस और अराजपत्रित कर्मचारियों को 5 साल की अवधि पर ब्योरा देना होगा.