भारतीय जनता पार्टी (BJP) को पंजाब की अपनी तीन सीटों के लिए सशक्त उम्मीदवार नहीं मिल रहे हैं। लिहाजा, पार्टी की नजर इन दिनों अपने कॉडर पर कम, फिल्मी सितारों और ब्यूरोक्रेट्स पर ज्यादा है। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। इससे पहले भी BJP फिल्मी सितारों, क्रिकेटरों पर ही भरोसा करके पंजाब में सीट जीतती रही है।

अमृतसर से नवजोत सिंह सिद्धू और गुरदासपुर से विनोद खन्ना इसके उदाहरण हैं। इन दोनों उम्मीदवारों ने अमृतसर से रघुनंदन लाल भाटिया और गुरदासपुरअमृतसर से पार्टी फिल्मी हस्ती पूनम ढिल्लों और पूर्व ब्यूरोक्रेट्स हरदीप पुरी में से किसी को उतारना चाहती है। पुरी इस समय केंद्रीय राज्य मंत्री हैं। इस सीट पर पार्टी के अनिल जोशी जैसे लोग भी दावेदारी ठोंक रहे हैं, लेकिन पिछले संसदीय चुनाव में मोदी लहर के बावजूद उनके हलके से अरुण जेटली को भारी मतों से हार का सामना करना पड़ा था। यही नहीं, 2017 के विधानसभा चुनाव में भी वह अपनी सीट नहीं बचा पाए थे।
यही हाल लगभग गुरदासपुर सीट का है। 2014 के संसदीय चुनाव में यहां से विनोद खन्ना जीते थे। पहले भी वे तीन बार जीत चुके थे। 2009 में उन्हें प्रताप सिंह बाजवा के हाथों हार का सामना भी करना पड़ा था। उनके निधन के बाद यहां हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने अपने दिग्गज उम्मीदवार सुनील जाखड़ को उतारा जिन्होंने भारी मतों से विजय प्राप्त की। BJP अब विनोद खन्ना के पक्ष में सहानुभूति की लहर देख रही है, इसलिए उसकी नजर बेटे अक्षय खन्ना और पत्नी कविता खन्ना पर है।
पार्टी सूत्र यह भी बताते हैं कि इस हलके में दो लाख से ज्यादा राजपूत वोट को देखते हुए पार्टी यहां से किसी पूर्व सैन्य अधिकारी को भी तलाश रही है जो राजपूत हो। मजबूत दावा अक्षय खन्ना को लेकर ही है। इस सीट पर पार्टी के पूर्व प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा और मास्टर मोहन लाल जैसे नेता भी दौड़ में हैं। इसके अलावा अविनाश राय खन्ना के नाम पर भी विचार किया जा रहा है।
तीसरी सीट होशियारपुर की है जहां से पार्टी कॉडर के उम्मीदवार विजय सांपला चुनाव जीते थे। मोदी सरकार में उन्हें राज्य मंत्री के रूप में भी जगह मिली। पार्टी ने इस सीट से जिन तीन नामों को शॉटलिस्ट किया है उनमें सांपला सहित पूर्व ब्यूरोक्रेट व फगवाड़ा से विधायक सोमप्रकाश और एससी आयोग के पूर्व चेयरमैन राजेश बाघा भी शामिल हैैं।
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