यहाँ पर दिखे 2200 साल पुराने सिक्के, चलन से है बाहर…

आज हम आपके साथ  है एक बेहद ही अनुआखे किस्से के बारे में जो आज हमारे इतिहास में दर्ज हो गया है लखनऊ प्रदेश में पहली बार शुरू हुई तीन दिवसीय मुद्रा उत्सव का आगाज शुक्रवार को हुसैनगंज स्थित एक होटल में हुआ। नीलामी के लिए अवध न्यूमिरस्मैटिक सोसाइटी की ओर से आयोजित प्रदर्शनी में दर्शकों को अवध, मुगल, ब्रिटिश पेपर मनी, हज के लिए जारी हुए नोट, थ्रीडी और टूडी स्टाम्प  देखने को मिले।

पुड्डुचेरी से आए ऐवी चंद्रा पिछले चालीस सालों से मुद्रा संग्रहित कर रहे हैं। उनके स्टॉल पर बांग्लादेश, नाइजीरिया व अन्य देशों में चलने वाली पॉलीमर से बनी मुद्रा को दर्शकों ने पसंद किया। भारत में कागज से नोट बनाए जाते हैं पर पॉलीमर से बने नोट लंबे समय तक चलते हैं। वर्ष 1959 में हज यात्रा के दौरान यात्रियों के लिए जारी किए गए नोट को यहां रखा गया है। आरबीआई द्वारा छापा गया सौ रुपए का नोट सबसे महंगी मुद्राओं में शामिल है।

केवल चुनिंदा मुद्राओं को नीलामी में शामिल किया गया है। मुख्य अतिथि स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने फीता काटकर प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में डीजीपी राजेंद्र पाल सिंह मौजूद रहे। प्रदर्शनी के पहले दिन देश-विदेश की मुद्राओं को लगभग 50 लोगों ने खरीदा। इंडो साइथिन काल के 2200 साल पुराने सिक्कों को दिल्ली से आए मुकेश वर्मा के स्टॉल पर देखा गया।

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