यह बात तो आज के समय में हम सभी जानते है कि सेक्स को लेकर आज हर एक व्यक्ति करे मन में लाखों सवाल उठ रहे है. वहीं कही न इस बात को लेकर लोगों में उत्सुकता तो कही इस बात को लेकर डर भी बना रहता है कि कहीं सेक्स के दौरानं किसी तरह कि बिमारी का सामना न करना पड़ जाए. या फिर अनचाहा गर्भ न हो जाए, तो चलिए आज इसी बात पर चर्चा करते है….
भारत में यौन शिक्षा का अभाव देखने को मिलता है. यौन स्वास्थ या यौन समस्याओं पर बात करने में लोग संकोच करते हैं. महिलाओं को गर्भनिरोधक के उपयोग के बारे में पूरी तरह से शिक्षित नहीं किया जाता है जिस कारण कभी कभी वे चाहकर भी असमर्थ महसूस करती हैं. गर्भावस्था को रोकने के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले तरीकों या उपकरणों को जन्म नियंत्रक, गर्भनिरोधक या परिवार नियोजन कहा जाता है. प्राचीनकाल से गर्भनिरोधक का उपयोग किया जाता रहा है, लेकिन इसके प्रभावी और सुरक्षित तरीके 20 वीं शताब्दी में उपलब्ध हो पाए हैं.
2005-2006 के आंकड़ों से यह निष्कर्ष निकला है कि भारत में गर्भनिरोधक का उपयोग केवल 15.6% महिलाओं द्वारा किया जाता था. हालांकि भारत में गर्भनिरोधकों का उपयोग धीरे-धीरे बढ़ रहा है. 1970 में, 13% विवाहित महिलाओं द्वारा आधुनिक गर्भनिरोधक विधियों का इस्तेमाल किया गया, जो 2007 तक 35% और 2009 तक 48% बढ़ गया है.
1952 में भारत, परिवार नियोजन कार्यक्रम शुरू करने वाला दुनिया का पहला देश बन चुका है. उल्टा लाल त्रिभुज (Inverted red triangle) भारत में, परिवार नियोजन स्वास्थ्य और गर्भनिरोधक सेवाओं का प्रतीक है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में उपलब्ध सरल और सुरक्षित गर्भनिरोधक विधियों की जानकारी का प्रसार करना है. आइये इस लेख द्वारा जानते हैं कि कितने प्रकार के आधुनिक गर्भनिरोधक तरीके उपलब्ध हैं और भारत में कौन कौन से तरीके उपयोग किये जाते हैं.