यदि आप भी है नपुंसकता के शिकार, तो जानें इसके दोष

नपुंसकता पुरुषों द्वारा यौन संबंध बनाने के लिए लिंग में उत्तेजना पाने या उत्तेजना बनाएं रखने में असमर्थता होने की समस्या है. यह समस्या कपल्स के लिए एक महत्वपूर्ण संकट पैदा कर सकती है. कभी-कभी लिंग में उत्तेजना न आना असामान्य नहीं है. स्तंभन होने या उसे बनाएं रखने में अगर कभी-कभी विफलता हो जाए उसके बारे में चिंता ना करें, यह सामान्य समस्या होती है. कई पुरुष तनाव के दौरान ऐसा अनुभव करते हैं. बार-बार होने वाला स्तंभन दोष स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है, जिनके इलाज की आवश्यकता होती है. यह भावनात्मक या रिलेशनशिप संबंधी कठिनाइयों का संकेत भी हो सकता है, जिन्हें डॉक्टर को दिखाना पड़ सकता है. इसके कुछ कारणों में बहुत अधिक शराब पीना, चिंता और थकावट आदि शामिल हैं. अगर यह जारी नहीं रहता को चिंता करने की कोई बात नहीं है. हालांकि नपुंसकता की समस्या अगर जारी रहती है, तो इसकी जांच एक डॉक्टर द्वारा करवानी चाहिए. जिन पुरूषों को अपने यौन प्रदर्शन से संबंधित समस्याएं हैं, उनको डॉक्टर से इस बारे में बात करने में हिचक हो सकती है. क्योंकि उनको लगता है कि यह एक शर्मनाक मसला हो सकता है. अगर आपको स्तंभन दोष या नपुंसकता से संबंधी समस्या है, तो डॉक्टर से इस बारे में अवश्य बात करें, भले ही आपको शर्म आ रही हो. कई बार इस समस्या के अंतर्निहित कारण का इलाज करना ही नपुंसकता को ठीक करने के लिए काफी होता है. नपुंसकता के उपचार में मुंह द्वारा खाई जाने वाली दवाएं (आमतौर पर टेबलेट आदि), लिंग में इन्जेक्शन और परामर्श आदि शामिल है.

नपुंसकता (स्तंभन दोष) से बचाव –  स्तंभन दोष की रोकथाम कैसे की जा सकती है?

खाने-पीने और रहने आदि के तरीकों में ऐसे कई बदलाव किए जा सकते हैं, जिससे स्तंभन स्वास्थ्य पर एक साकारात्मक प्रभाव पड़ता है. यह भी हो सकता है, कि आपको पता भी ना हो कि ये चीजें स्तंभन दोष से जुड़ी हैं, लेकिन काफी सारे लोगों ने यह पाया कि इन कारकों में कुछ बदलाव करने से उनके स्तंभन में सुधार आया है. इन बदलावों में निम्न शामिल हो सकते हैं:

स्वस्थ और संतुलित आहार का सेवन करना – कुपोषित होने से स्तंभन दोष होने की संभावना नहीं बढ़ती. लेकिन अगर आप स्वस्थ आहार नहीं खाते तो आपके अंत में कोलेस्ट्रॉल बढ़ना, हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज जैसे रोग हो जाते हैं. इन रोगों के होने से नपुंसकता की संभावना भी बढ़ जाती हैं.

धूम्रपान बंद करना – जैसा कि ऊपर बताया गया है, कि धूम्रपान सामान्य रूप से खून के प्रवाह पर नाकारात्मक प्रभाव डालता है, जिससे नपुंसकता जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

शराब की मात्रा में कमी करना – शराब को कम करने या बंद करने से अन्य स्वास्थ्य के फायदों के साथ-साथ नपुंसकता पर भी एक साकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

वजन कम करना – यह हर किसी की मदद नहीं करेगा. लेकिन अधिक वजन होना नपुंसकता की समस्या को बढ़ावा दे सकता है.

तनाव का स्तर कम करना – तनाव, ब्लड प्रेशर से जुड़े मसलों का कारण बन सकता है. लेकिन यह उन सिग्नलों में भी हस्तक्षेप कर सकता है, मस्तिष्क द्वारा स्तंभन करने के लिए भेजे जाते हैं.

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