पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गुरुवार को सेना को लेकर कड़े तेवर दिखाए. इमरान खान ने गुरुवार को एक इंटरव्यू में कहा है कि अगर सेना प्रमुख ने उनसे प्रधानमंत्री पद से हटने के लिए दबाव डाला होता तो वह उनसे इस्तीफा मांग लेते. इमरान खान ने आगे कहा, अगर कोई आर्मी चीफ बिना मुझसे पूछे करगिल पर हमला करता तो मैं उसे समन करता और उससे तत्काल इस्तीफा ले लेता..
दरअसल, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने एक बयान में कहा है कि लेफ्टिनेंट जनरल जहीर-उल-इस्लाम ने साल 2014 में उनसे प्रधानमंत्री पद से हटने के लिए कहा था. इमरान खान ने इंटरव्यू में कहा, ऐसा होने पर मैं सेना प्रमुख का इस्तीफा ले लेता.
इमरान खान ने कहा मैं लोकतांत्रिक तरीके से चुना गया प्रधानमंत्री हूं, मुझसे ऐसा कहने की हिम्मत किसमें हो सकती है. इमरान खान ने कहा कि जब पूर्व सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ श्रीलंका का दौरा कर रहे थे तो नवाज शरीफ ने खुद ही उन्हें हटाने की कोशिश की थी.
अपनी सरकार के सेना के साथ संबंधों पर बात करते हुए इमरान ने कहा, पाकिस्तान में हमेशा से सरकार और सेना के बीच कोई ना कोई समस्या रही है. हालांकि, इमरान ने सवाल किया कि अगर अतीत में किसी सेना प्रमुख ने कोई गलती की है तो क्या संस्था को भी हमेशा के लिए खराब मान लिया जाएगा.
क्या जस्टिस मुनीर ने गलत फैसला लिया तो क्या हमेशा के लिए न्यायपालिका को ही दोषपूर्ण करार दे दिया जाएगा. इमरान ने ये भी कहा कि अगर कुछ राजनेता पैसा चोरी करते हैं और विदेशों में जमा करते हैं तो सभी राजनेताओं को भी बुरा नहीं कहा जाना चाहिए.
इमरान खान ने कहा, बात बस इतनी सी है कि अतीत सीखने के लिए होता है. हमने ये सीखा है कि सेना का काम देश चलाना नहीं है. अगर लोकतंत्र देश को नुकसान पहुंचा रहा है तो इसका मतलब ये नहीं है कि इसे सैन्य शासन में तब्दील कर दिया जाए.
पकिस्तानी पीएम ने कहा कि देश की सेना पिछले कई सालों में काफी आगे बढ़ चुकी है. इमरान ने दावा किया, मौजूदा समय में सरकार और सेना के संबंध इतिहास के सबसे अच्छे दौर में हैं. इसकी वजह ये है कि पाकिस्तानी सेना लोकतांत्रिक सरकार के समर्थन में पूरी तरह से खड़ी है.