आयकर मामले को लेकर सुपर स्टार रजनीकांत को बड़ी राहत मिली है. दरअसल आयकर विभाग ने रजनीकांत के खिलाफ अपील दाखिल की थी जिन्हें उसने वापस लेने का फैसला किया. अपील वापस लिए जाने के बाद मद्रास हाईकोर्ट ने उन्हें खारिज कर दिया.
ये तीन साल (वर्ष 2002-2005) के आयकर निर्धारण से जुड़ा मामला था. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) की ओर से एक सर्कुलर जारी होने के बाद आयकर विभाग ने रजनीकांत के खिलाफ अपील वापस लेने का फैसला किया.
विभाग की ओर से हाल में एक करोड़ रुपए से नीचे की रकम वाले मामलों में अपील नहीं दाखिल करने का फैसला लिया था. रजनीकांत से जुड़े मामले में रकम 65 लाख रुपए है.
जस्टिस विनीत कोठारी और जस्टिस आर सुरेश कुमार की खंडपीठ के सामने आयकर विभाग के वकील ने पेश होकर सर्कुलर का हवाला दिया. साथ ही कहा कि वो तीनों अपील वापस ले रहे हैं क्योंकि तीनों निर्धारण वर्षों में रकम एक करोड़ रुपए से कम है.
रजनीकांत ने वर्ष 2002-03 के लिए आय 61.12 लाख रुपए, 2003-04 के लिए 1.75 करोड़ रुपए और 2004-05 के लिए 33.93 लाख रुपए घोषित की थी.
हालांकि आयकर विभाग ने ये नोटिस किया कि रजनीकांत ने पेशेवर खर्च की मद में मोटी रकम का दावा किया था. इसलिए उनके पॉयस गार्डन स्थित आवास पर आयकर विभाग ने सर्वे किया था.
सर्वे के बाद रजनीकांत ने तीनों संबंधित वर्षों के लिए संशोधित रिटर्न दाखिल किए . इसमें उन्होंने कहा कि जो पहले रिटर्न दाखिल किया गया था और उनमें जो आय दिखाई गई थी, उन्हें उससे ज्यादा आय हुई. इसके बाद आयकर विभाग की ओर से पेनल्टी की कार्रवाई शुरू की गई. रजनीकांत ने इसके विरोध में ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाया. ट्रिब्यूनल से फैसला रजनीकांत के पक्ष में आया.