आपका वोटर आईडी कार्ड जल्द ही अब आधार कार्ड से जुड़ सकता है. चुनाव आयोग के प्रस्ताव मोदी सरकार इसके लिए कानून में बदलाव कर सकती है. चुनाव आयोग ने हाल ही में कानून मंत्रालय को पत्र लिखकर वोटर आईडी कार्ड को आधार से जोड़ने के लिए जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों में संशोधन का अनुरोध किया था. सूत्रों के मुताबिक कानून मंत्रालय ने आयोग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
दरअसल चुनाव आयोग की दलील है कि एक ही मतदाता के एक से ज्यादा वोटर आईडी कार्ड बनवाने की समस्या के समाधान के लिये इसे आधार से जोड़ना ही एकमात्र विकल्प है. कानून मंत्रालय ने आयोग की इस दलील से सहमति जताते हुए आधार के डाटा को विभिन्न स्तरों पर संरक्षित करने की अनिवार्यता का पालन सुनिश्चित करने को कहा है.
गौरतलब है कि कानून मंत्रालय के साथ बैठक में चुनाव आयोग ने मतदाता बनने की क्वालिफिकेशन के लिये उम्र संबंधी प्रावधानों, पेड न्यूज और चुनावी हलफनामे में गलत सूचना देने को अपराध बनाने का भी प्रस्ताव दिया है.
मतदाता बनने की क्वालिफिकेशन के लिये उम्र संबंधी प्रावधानों की मौजूदा व्यवस्था में प्रत्येक साल की एक जनवरी तक 18 साल की आयु प्राप्त करने वालों को मतदाता बनने का अधिकार मिल जाता है. आयोग ने उम्र संबंधी क्वालिफिकेशन के लिये एक जनवरी के अलावा साल में एक से अधिक तारीखें तय करने का सुझाव दिया है.
चुनाव में गलत हलफनामा पेश करने के बारे में मौजूदा व्यवस्था में दोषी ठहराए जाने पर उम्मीदवार के खिलाफ आपराधिक कानून के तहत धोखाधड़ी का ही मामला दर्ज होता है. चुनाव आयोग ने कानून मंत्रालय को गलत हलफनामा देकर चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार की सदस्यता समाप्त करने का प्रस्ताव दिया है.