बेहद सख्त मोटर व्हीकल एक्ट लागू होन के बाद भी ट्रैफिक नियमों के हालात सुधरने के नाम नहीं ले रहे। कानून की अनदेखी, जिम्मेदारी कों ढिलाई और आमजन की बेपरवाही अब भी हादसों का सबब बन रही है। दिसंबर से अब तक हुए चालान के आंकड़े गवाह हैं, भारी जुर्माना भी लोगों में खौफ पैदा नहीं कर पा रहा। यही वजह है, जिंदगी की सलामती के लिए कोरोना काल के बीच परिवहन विभाग एक बार मैदान में उतरने जा रहे है। आमजन को जगाने के लिए। यह चेताने के लिए कानून हम सब के लिए, हमारी जान बचाने के लिए। सारी कवायद का टारगेट भी तय किया गया है। हादसों का ग्राफ दस प्रतिशत तक की कमी लाना…।
सोमवार यानी 22 से 28 जून के बीच प्रथम त्रैमासिक सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए यह कार्यक्रम लगातार टल रहा था लेकिन, अब शारीरिक दूरी की गाइड लाइन का अनुपालन करते हुए सारे कार्यक्रम होंगे। सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत 22 जून को पहले दिन लोगों को जागरूक करने वाले बैनर, पोस्टर, स्टीकर और होर्डिंग्स रेलवे, बस स्टेशनों, प्रदूषण जांच केंद्रों आदि पर लगाए जाएंगे। इसी दिन परिवहन विभाग की टीम पीयूसी सेंटर की जांच भी करेगी।
ऐसे आगे बढ़ेगी मुहिम
दूसरा दिन यानी 23 जून को प्रवर्तन दल हेल्मेट और सीट बेल्ट के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में अभियान चलाएंगे। उन्हें जागरूक करते हुए फूल भेंट कर सुरक्षा संबंधित पंफलेट दिए जाएंगे। दरअसल, हेलमेट न लगाने पर भारी जुर्माना के बावजूद लोग मान नहीं रहे हैं। पुलिस के सामने उसे सिर पर लगा लेते हैं। फिर उतारकर बाइक पर टांग लेते हैं। पीछे बैठी सवारियों के सिर पर हेलमेट की मंशा तो बिल्कुल ही शून्य है। इसीलिए अब अभियान लाकर लोगों को एक बार फिर चेताया जाएगा।
बच्चों की फिक्र
नाबालिग के वाहन चलाने और हादसा होने पर गाड़ी मालिक के खिलाफ कार्रवाई भी लोगों को डरा नहीं पा रही। अब भी नाबालिग बाइक-कार दौड़ाते दिख जाते हैं। इन हालात को देखते हुए अभियान के तीसरे दिन यानी 24 जून को 50 स्कूलों के छात्र-छात्राओं को तय समय के भीतर सड़क सुरक्षा विषय पर निबंध, लेखन, कविताएं, कोलार्ज, पेंटिंग प्रतियोगिता बनाने का लक्ष्य दिया जाएगा। यह प्रतियोगिताएं अलग-अलग स्कूलों में ऑनलाइन होंगी।
प्रदूषण फैलाने वालों को चेताएंगे
लॉकडाउन के दौरान वाहन थमे तो प्रदूषण का ग्राफ एकदम नीचे आ गया। हवा पूरी तरह साफ हो गई। अब फिर वही हालात हैं। यानी साफ है कि वाहन अब भी तय मानक से ज्यादा प्रदूषण उगल रहे हैं। ऐसे वाहन चालकों पर सख्ती के लिए 25 जून यानी चौथे दिन अभियान चलाकर कार्रवाई होगी। साथ ही ड्राइवर ट्रेनिंग स्कूल का औचक निरीक्षण किया जाएगा।
रोडवेज चालकों को मिलेगी नसीहत
रोडवेज बस चालकों पर बार-बार लापरवाही के आरोप लगते हैं। तमाम बंदिशों के बाद भी बेतरतीब ढंग से बस दौड़ाने के मामले सामने आ रहे हैं। इसीलिए पांचवे दिन 26 जून रोडवेज के ड्राइवरों और कंडक्टरों को जागरुक किया जाएगा।
यह भी होंगे कार्यक्रम
छठे दिन ऑटो-टेंपों चालकों को सेव लाइफ फाउंडेशन की ओर से ऑनलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी। सातवें और अंतिम दिन यानी 28 जून को ओवरलोडिंग, सड़क के किनारे अवैध पार्क किए गए वाहनों के खिलाफ परिवहन विभाग के प्रवर्तन दस्ते अभियान चलाएंगे।