सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को दिल्ली पुलिस ने निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी था। उन्हें साकेत कोर्ट में पेश किया जाएगा। दक्षिणी रेंज के संयुक्त पुलिस आयुक्त एसके जैन ने बताया कि उनके खिलाफ क्या जमानती वारंट जारी हुआ था।
सामाजिक कार्यकर्ता और नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर को दिल्ली पुलिस ने मंगलवार देर रात निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ एक पुराने मामले में दिल्ली की एक अदालत ने गैर-जमानती वारंट जारी किया था। मेधा पाटकर को आज साकेत कोर्ट में पेश किया जाएगा। पुलिस के अनुसार, यह गिरफ्तारी जमानती धाराओं के तहत हुई है। उन्हें कोर्ट से जमानत मिलने की संभावना है।
मेधा पाटकर की गिरफ्तारी एक पुराने मामले से जुड़ी है, जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की थी। यह मामला कई साल पुराना है। इसमें मेधा पाटकर पर कुछ विवादास्पद बयानों या गतिविधियों का आरोप है। हालांकि, मामले की डिटेल जानकारी अभी सार्वजनिक नहीं की गई है। सूत्रों का कहना है कि यह शिकायत एक आंदोलन या सार्वजनिक प्रदर्शन से संबंधित हो सकती है, जिसमें मेधा पाटकर शामिल थीं।
गिरफ्तारी और कोर्ट की कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट के आधार पर मेधा पाटकर को निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से हिरासत में लिया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तारी की प्रक्रिया शांतिपूर्ण रही। मेधा पाटकर ने गिरफ्तारी के दौरान कोई विरोध नहीं किया। चूंकि, मामला जमानती धाराओं से जुड़ा है, इसलिए कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि उन्हें जल्द ही जमानत मिल सकती है।
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