संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में नौकरी का सपना देखने वाले पेशेवरों की मुश्किल आसान करने के लिए भारत की इंजीनियरिंग,मेडिकल, नर्सिंग, मैनेजमेंट डिग्री को जल्द ही यूएई की डिग्री के समान मान्यता मिलेगी।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और यूएई के शिक्षा मंत्री डॉ. अहमद अल फलासी की बुधवार को बैठक आयोजित हुई। इस दौरान देशों में शैक्षणिक और कौशल योग्यताओं की पारस्परिक मान्यता को सुविधाजनक बनाने के लिए राष्ट्रीय योग्यता फ्रेमवर्क सहित सामान्य और उच्च शिक्षा के लिए फ्रेमवर्क और नीतियां बनाने पर समझौता हुआ।
खास बात यह है कि दोनों देशों के उच्च शिक्षण संस्थान ट्विनिंग,संयुक्त और ड्यूल डिग्री के अलावा तकनीकी,व्यावसायिक शिक्षा, प्रशिक्षण पर भी एक साथ काम करेंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल तीन दिवसीय यूएई के दौरे पर गया हुआ है।
इस दौरे के पहले दिन भारत और यूएई के शिक्षा मंत्रियों ने मौजूदा शैक्षणिक सहयोग को मजबूत करने के लिए एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए, जिससे छात्रों और संकाय के आवागमन में सुविधाजनक बनाया जा सके। इससे शिक्षा और कौशल क्षेत्र में आपसी हित वाले महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पारस्परिक सहयोग, भागीदारी और सामंजस्य को काफी बढ़ावा मिलेगा।
प्रधान ने कहा कि यूएई एक वैश्विक आर्थिक हॉट स्पॉट है और भारत एक वैश्विक प्रतिभा हॉटस्पॉट है। इसलिए दोनों पक्षों को हमारे सभ्यतागत जुड़ाव को मजबूत करने के लिए एक ज्ञान सेतु का निर्माण करने पर काम करने की जरूरत है।
दोनों मंत्रियों ने शिक्षा और कौशल विकास में द्विपक्षीय गतिविधियों की समीक्षा की। विशेष रूप से जी-20 भारत के हिस्से के रूप में चौथी ईडीडब्ल्यूजी के दौरान अलग से आयोजित बैठक के बिंदुओं पर चर्चा और उसकी समीक्षा भी की। इस दौरान प्रधान ने स्कूल ‘42 आबूधानी धाबी’ का दौरा भी किया।
उन्होंने यूएई के स्कूलों में भारतीय पाठ्यक्रम को पढ़ाने के लिए डॉ. अहमद बेलहौल को धन्यवाद दिया। साथ ही, दोनों देशों के बीच छात्रों के आदान-प्रदान कार्यक्रमों को सुगम करने भी चर्चा हुई।
इन विषयों पर समझौता
भारत और यूएई के मंत्रियों ने महत्वपूर्ण सहमति पत्र पर हस्ताक्षर भी किए। सहमति पत्र का उद्देश्य, छात्र और संकाय के आवागमन, संयुक्त अनुसंधान कार्यक्रम, पाठ्यक्रम डिजाइन करना, सम्मेलनों, व्याख्यानों, संगोष्ठियों, पाठ्यक्रमों में दोनों देशों के आपसी हितों से संबंधित क्षेत्रों में वैज्ञानिक और शैक्षिक प्रदर्शनियों का आयोजन और भागीदारी आदि की सुविधा प्रदान करके दोनों देशों में शैक्षणिक संस्थानों के क्षेत्र में मौजूदा सहयोग को मजबूत करना है।
महत्वपूर्ण बिंदू:
- दोनों देशों के सामान्य और उच्च शिक्षा में विनियम, कानूनी संरचनाएं और सर्वोत्तम तौर-तरीके पर काम करना।
- दोनों देशों के बीच योग्यता की पारस्परिक मान्यता को सुविधाजनक बनाने के लिए राष्ट्रीय योग्यता फ्रेमवर्क सहित सामान्य और उच्च शिक्षा के लिए फ्रेमवर्क और नीति बनेगी। इसके अलावा कौशल विकास, परामर्श और कल्याण के क्षेत्रों में फ्रेमवर्क व नीति बनाई जाएंगी।
- ट्विनिंग, संयुक्त डिग्री और दोहरी डिग्री कार्यक्रमों की पेशकश के लिए दोनों देशों के उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच अकादमिक सहयोग की सुविधा।
- इस सहमति पत्र के तहत तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण (टीवीईटी) शिक्षण कर्मियों के क्षमता-विकास के क्षेत्र में सहयोग में काम होगा।
- सहमति पत्र एक संयुक्त कार्य समूह के निर्माण की सुविधा प्रदान करेगा, जिसकी अध्यक्षता भारत और यूएई के शिक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधि करेंगे।
- यूएई में सीबीएसई का ऑफिस खोला जाएगा।