इस कंपनी का ये कारोबार स्विटजरलैंड, जर्मनी और ऑस्ट्रिया तक फैला हुआ है। इस कंपनी के जरिए कोई भी अपने प्रिय मृत परिजन की यादों को हमेशा के लिए अपने साथ संजोकर रख सकता है। ये कंपनी मृत शरीर की राख को हीरे में तब्दील कर देती है। अलगोरदांज कंपनी को रिनाल्डो विल्ली नाम के व्यक्ति ने बनाया है।
OMG …तो 7000 साल पहले भी होता था कॉन्डोम का इस्तेमाल, इस तरह थे बनाए जाते, जानकर हो जायेंगे हैरान
दरअसल, रिनाल्डो विल्ली जब स्कूल में पढ़ते थे, तब उनको शिक्षक ने सब्जियों की राख को हीरे में बदलने के बारे में बताया था। तभी से रिनाल्डो विल्ली के मन में आया कि जैसे सब्जियों की राख से हीरा बनाया जा सकता है, वैसे ही मृत लोगों की राख से भी तो हीरा बनया जा सकता है। रिनाल्डो विल्ली ने अपने इसी आइडिया पर काम किया और मृत लोगों की राख से सिंथेटिक हीरे को बनाते हुए अपनी कंपनी बना ली। ये कंपनी एक साल में करीब 850 मृत लोगों की राख को हीरे में तब्दील कर रही है।
सिंथेटिक और असली हीरे में बहुत ही कम अंतर पाया जाता है, जिसको मोटे तौर पर कोई नहीं पहचान सकता है। रिनाल्डो विल्ली के जरिए विकसित की गई तकनीक के ज़रिए अब बहुत से लोग अपने मृत परिजन की राख को एक हीरे के रूप में रखने के इच्छुक हैं।
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