उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) 2019 के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए. प्रदर्शनकारियों ने उत्तर प्रदेश में कई जगहों पर हिंसा को अंजाम दिया. जिसके बाद अब पुलिस प्रदर्शनकारियों की धड़ पकड़ में जुट गई है. इस बीच मुजफ्फरनगर में 80 दुकानों को पुलिस ने सीज कर दिया है. एसएसपी का कहना है कि दुकान मालिकों को नोटिस भेजा जा चुका है और नुकसान की भरपाई के लिए कहा गया है.
मुजफ्फरनगर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र में कच्ची सड़क के पास केवलपुरी में शनिवार को दो पक्षों के बीच पथराव हो गया था. इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से पथराव किया गया. मौके पर पहुंची पुलिस ने लाठियां फटकारकर भीड़ को वहां से खदेड़ दिया. तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया.
पुलिस महानिदेशक सिंह ने कहा, “हिंसा करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा. हिंसा में बाहरी लोगों का हाथ है. उन्होंने आशंका जताई कि हिंसा में एनजीओ और राजनीतिक लोग भी शामिल हो सकते हैं. हम किसी निर्दोष को गिरफ्तार नहीं करेंगे.”
हिंसक विरोध प्रदर्शन पर पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने कहा कि अब तक 879 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं पूरे प्रदेश में पुलिस की तैनाती की गई है. इसके साथ ही पीएसई और रैपिड एक्शन फोर्स को भी तैनात किया गया है.
विरोध प्रदर्शन के दौरान उपजी हिंसा के बारे में डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि 282 पुलिस अधिकारी झड़प में जख्मी हुए हैं. अब तक 15 लोगों की मौत हुई है. उन्होंने आम लोगों से अपील की कि वे प्रदेश में शांति व्यवस्था कायम करने में पुलिस की मदद करें. ओपी सिंह ने कहा कि प्रदेश में हुई नुकसान की भरपाई करना शुरू कर दिया गया है. उपद्रवी अगर जुर्माना नहीं भरते हैं तो उनकी संपत्ति जब्त की जाएगी.