विकसित भारत की जो आधारशिला रखी गई है, उसमें उत्तर प्रदेश की भूमिका बड़ी है। 25 करोड़ की आबादी वाला उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा उपभोक्ता व श्रम बाजार भी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भरोसा दिलाया कि अमृत काल में विकास के लक्ष्यों को पूरा करने तथा ‘विकसित भारत’ के स्वप्न को साकार करने के लिए उत्तर प्रदेश देश का ग्रोथ इंजन बनेगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश अपनी अर्थव्यवस्था को ‘वन ट्रिलियन डालर’ तक पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है।
दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की शासी परिषद की आठवीं बैठक में योगी ने कहा कि अमृतकाल के विशिष्ट कालखंड में आयोजित यह शासी परिषद की प्रथम बैठक है। जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देशवासी पंचप्रण के साथ एक विकसित भारत के निर्माण के लिए समर्पित होकर कार्य कर रहे हैं। नौ वर्षों में देश व दुनिया ने एक नये भारत काे देखा है।
योगी ने नये उत्तर प्रदेश के निर्माण में अपना बहुमूल्य योगदान देने के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया। कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास की जो नई अमिट पटकथा लिखी जा रही है, उसका पूरा श्रेय प्रधानमंत्री के सशक्त नेतृत्व को जाता है। प्रदेश सरकार सेवा और सुशासन से गांवों से लेकर शहर तक वंचित, किसान, मजदूर, महिला, दिव्यांग, युवा सहित सभी वर्गाें को विकास में भागीदार बना रही है।
उत्तर प्रदेश में उपजाऊ जमीन के साथ ही प्रचुर प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं। राज्य सरकार ने अपराध व भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टालरेंस की नीति अपनाकर सभी वर्गों की सुरक्षा के साथ राज्य के समग्र विकास के लिए विभिन्न योजनाओं का प्रभावी संचालन सुनिश्चित कराया है। कहा कि इन प्रयासों में प्रधानमंत्री का सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ का विचार मार्गदर्शक है।
योगी ने कहा कि देश की जीडीपी में यूपी का योगदान आठ प्रतिशत से अधिक है। देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डालर बनाने के लक्ष्य काे पूरा करने के लिए अगले पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश का एक ट्रिलियन डालर का योगदान देने का संकल्प है। प्रधानमंत्री के ‘रिफार्म, परफार्म और ट्रांसफार्म’ के मंत्र को अंगीकार कर प्रदेश में औद्योगिक निवेश को बढ़ाया जा रहा है।
यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2023 का सफल आयोजन इसका उदाहरण है। निवेश के महाकुम्भ में लगभग 35 लाख करोड़ रुपये के 22,000 से अधिक एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं, जिनमें एक करोड़ से अधिक रोजगार के अवसरों के सृजन की संभावना है। यह बढ़ते व बदलते उत्तर प्रदेश की तस्वीर है। राज्य सरकार सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम सेक्टर (एमएसएमई) के विकास के लिए भी निरंतर प्रयासरत है।
प्रदेश में देश की सर्वाधिक लगभग 96 लाख एमएसएमई इकाईयां हैं। उतर प्रदेश का हर जिला अपने परंपरागत उत्पाद की खास पहचान रखता है। राज्य सरकार ने इसे ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ (आेडीओपी) के रूप में नई ऊंचाइयां प्रदान की हैं। पांच वर्षों में प्रदेश से होने वाला निर्यात 86 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर एक लाख 75 हजार करोड़ रुपये हो गया है। इसमें एमएसएमई व ओडीओपी का बहुत बड़ा योगदान है।