विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा’ योजना का शुभारंभ करेंगे। 21 मार्च को विश्व वानिकी दिवस मनाया जाता है। इसके तहत प्रदेशभर के हर जिले में एक-एक स्थान पर समारोह के रूप में शुभारंभ के कार्यक्रम का आयोजन होगा।
मुख्यमंत्री बघेल ने वाणिज्यिक वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना लागू किए जाने की घोषणा की थी। इसके बाद इसके क्रियान्वयन की तैयारियां जोरों प चल रही है।
मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने प्रदेश के सभी कलेक्टर और वनमंडलाधिकारियों को पत्र भेजकर जिले में योजना के शुभारंभ कार्यक्रम के लिए आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश दिए हैं। कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधि और विभागीय अधिकारी-कर्मचारी सहित आम जनता बड़ी संख्या में शामिल होंगे।
वृक्षारोपण करने वालों को मिलगे वित्तीय अनुदान
मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना के तहत समस्त वर्ग के सभी इच्छुक भूमिस्वामी, शासकीय अर्द्ध शासकीय और शासन की स्वायत्त संस्थाएं, निजी शिक्षण संस्थाएं, निजी ट्रस्ट, गैर शासकीय संस्थाएं, पंचायतें और भूमि अनुबंध धारक इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
इस योजना के अंतर्गत हितग्राही की निजी भूमि में पांच एकड़ तक रोपण के लिए 100 प्रतिशत और पांच एकड़ से अधिक क्षेत्र में रोपण के लिए 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान शासन द्वारा हितग्राहियों को प्रदाय किया जाएगा।
80 हजार एकड़ में 15 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य
राज्य में इस योजना के माध्यम से प्रति वर्ष 36 हजार एकड़ के मान से कुल 5 वर्षों में एक लाख 80 हजार एकड़ में 15 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया है। चुने गए वृक्ष प्रजातियों की खरीदी के लिए प्रतिवर्ष न्यूनतम क्रय मूल्य निर्धारित किया जाएगा।जिससे कृषकों को निश्चित आय प्राप्त हो सकें। गौरतलब है कि वनक्षेत्र से बाहर लकड़ी के उत्पादन बढ़ने से काष्ठ आधारित उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही कार्बन क्रेडिट के माध्यम से भी किसानों को अतिरिक्त आय प्राप्त होगी।